Air India में इतिहास रचने की तैयारी! खुद एयरलाइन के कर्मचारियों ने लगाई बोली

भारी कर्ज तले दबी Air India को खरीदने के लिए अब एयरलाइन के कर्मचारी भी आगे आए हैं.

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Air India को खरीदने के लिए आगे आए कर्मचारी

Air India के इन 209 कर्मचारियों ने अमेरिका की एक प्राइवेट इक्विटी फर्म (PE Firm) Interups Inc के साथ मिलकर एयरलाइन की 50 परसेंट हिस्सेदारी के लिए बोली लगाई है. Moneycontrol.com में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक Interups के चेयरमैन लक्ष्मी प्रसाद (Laxmi Prasad) ने इसकी पुष्टि की है. 

 

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हर एक कर्मचारी 1 लाख रुपये का योगदान देगा

Air India को खरीदने के लिए आगे आए इन कर्मचारियों में से हर एक कर्मचारी को बोली के लिए एक-एक लाख रुपये का योगदान करने के लिए कहा जाएगा. अगर ऐसा होता है तो कॉर्पोरेट इतिहास का ये पहला केस होगा जब किसी सरकारी कंपनी को उसी कंपनी के कर्मचारी खरीदेंगे. हालांकि रिपोर्ट्स के मुताबिक, पायलट्स और केबिन क्रू की यूनियनों IPG और ICPA ने अपने सदस्यों को इस बोली में हिस्सा नहीं लेने के लिए कहा है, क्योंकि मैनेजमेंट ने अबतक उनकी सैलरी कटौती के मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया है. 

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67 साल बाद एयर इंडिया की घर वापसी!

Air India के लिए टाटा समूह ने भी रुचि पत्र दिया है. माना जा रहा है कि टाटा ने Air Asia India के जरिए ये EoI सौंपा है. जिसमें टाटा संस की मेजोरिटी हिस्सेदारी है. अगर टाटा ग्रुप ये बोली जीत जाता है तो Air India की 67 साल बाद घर वापसी हो सकती है. आपको बता दें कि टाटा समूह ने अक्तूबर, 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया की शुरुआत की थी, जिसे भारत सरकार ने 1953 में अपने अधिकार में ले लिया था.  

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Air India कर्मचारियों की 51 परसेंट हिस्सा खरीदने की योजना

Air India कर्मचारियों के इस समूह का लक्ष्य एयरलाइन में 51 परसेंट हिस्सेदारी खरीदने का है, बाकी 49 परसेंट हिस्सेदारी वित्तीय साझीदारों की होगी. बोली प्रक्रिया का नेतृत्व एयर इंडिया की कॉमर्शियल डायरेक्टर मीनाक्षी मलिक कर रही हैं. उन्होंने बताया कि पुराने कर्मचारी पूरी तरह इस मुहिम में साथ देंगे. 200 से ज्यादा कर्मचारी साथ आ चुके हैं. सभी से एक-एक लाख रुपए जुटा रहे हैं. एयर इंडिया में कुल 14 हजार कर्मचारी हैं. 

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Air India पर 60 हजार करोड़ का कर्ज

सरकार ने Air India में अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए बोलियां मंगवाईं हैं. सरकार ने एयर इंडिया की बिक्री की शर्तों में इस बार बदलाव किया है. इसके तहत एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस में 100 फीसदी हिस्सेदारी बेची जाएगी. फिलहाल एयर इंडिया पर 60,074 करोड़ का कर्ज है, लेकिन अधिग्रहण के बाद खरीदार को 23,286.5 करोड़ रुपये ही चुकाने होंगे. बाकी कर्ज को स्पेशल परपज व्हीकल एयर इंडिया एसेट होल्डिंग्स लिमिटेड को ट्रांसफर कर दिया जाएगा, यानि बाकी कर्ज का बोझ सरकार खुद उठाएगी. आपको एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की अंतिम तिथि 14 दिसंबर थी, हालांकि, सरकार ने एयर इंडिया के लिए बोली लगाने वालों के लिए इन्टीमेशन तारीख को बढ़ाकर 5 जनवरी तक कर दिया है, जो पहले 29 दिसंबर तक थी. 

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