अब आपके फोन में होगा Voter ID Card! चुनाव आयोग कुछ बड़ा करने की तैयारी में
Voter ID कार्ड के खो जाने, फट जाने, चोरी हो जाने या फोटो में शक्ल नहीं मिल रही, ये सब चिंताएं अब खत्म होने वाली हैं क्योंकि चुनाव आयोग वोटर आईडी कार्ड को डिजिटल करने की योजना पर तेजी से काम कर रहा है.
अभी कैसे देते हैं वोट
अभी मतदान केंद्र पर हम वोटर आईडी कार्ड की हार्ड कॉपी लेकर जाते हैं और वोट देते हैं, जिनके पास वोटर आईडी कार्ड नहीं होता वो दूसरे पहचान पत्रों को दिखाकर वोट देते हैं जिनकी इजाजत चुनाव आयोग की ओर से दी गई है. हर चुनाव से पहले सभी के लिए वोटर स्लिप भी जारी की जाती है. फोटो युक्त मतदाता पहचान पत्र की शुरुआत साल 1993 में हुई थी. देश में यह पहचान और पते के सबूत के तौर पर काम आता है.
कब तक आ सकता है वोटर आईडी कार्ड ?
डिजिटल वोटर आईडी कार्ड अभी सिर्फ एक प्रस्ताव है, जिस पर चुनाव आयोग विचार कर रहा है. फिर भी सूत्रों के मुताबिक इसका इस्तेमाल अगले साल पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी चुनावों में किया जा सकता है.
डिजिटल वोटर आईडी कार्ड कैसे मिलेगा
जो भी व्यक्ति अपना वोटर आईडी कार्ड बनवाना चाहेगा, उसे आवेदन करते समय चुनाव आयोग को अपना मोबाइल नंबर, ई-मेल भी देना होगा. जब व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में आ जाएगा तो उसे इसकी जानकारी SMS और ई-मेल के जरिए दी जाएगी. एक OTP ऑथेंटिकेशन के जरिए नया मतदाता वोटर आईडी कार्ड को डाउनलोड कर सकता है और अपने मोबाइल या लैपटॉप में सेव कर सकता है.
मौजूदा वोटर्स भी पा सकेंगे डिजिटल वोटर आईडी
मौजूदा वोटर्स को चुनाव आयोग के सामने अपनी जानकारियों को दोबारा वेरिफाई करवाना होगा, ठीक वैसे ही जैसे हम बैंक KYC के दौरान देखते हैं. वोटर्स को अपना मोबाइल नंबर, ई-मेल देने के बाद उसी प्रक्रिया के तहत मोबाइल में वोटर आईडी कार्ड को डाउनलोड करने की सुविधा मिलेगी. हालांकि अभी तक ये सिर्फ एक विचार है, इस पर चुनाव आयोग की तरफ से शुरुआत नहीं हुई है.
कैसा होगा डिजिटल वोटर वोटर आईडी
अभी हमार पास जैसा वोटर आईडी कार्ड है, डिजिटल वोटर आईडी उससे काफी अलग हो सकता है. वो PDF फॉर्म में भी हो सकता है. इसमें QR कोड भी हो सकता है, जैसा कि आजकल ज्यादातर डॉक्यूमेंट्स में देखने को मिलता है. इस वोटर आईडी कार्ड को आसानी से मोबाइल में डाउनलोड किया जा सकता है. इसमें वोटर की वो सभी जानकारियां होंगी जो फिजिकल फॉर्म वाले वोटर आईडी कार्ड में होती हैं. डिजिटल वोटर आईडी कार्ड में मतदाता की तस्वीर साफ होगी जिससे वेरिफिकेशन भी आसान होगा.
डिजिटल वोटर आईडी कार्ड की जरूरत क्यों
डिजिटल वोटर आईडी कार्ड से वोटर्स और चुनाव आयोग दोनों का फायदा होता है. वोटर्स के लिए सुविधा ये कि उसे अपना वोटर आईडी कार्ड चोरी होने, जलने, कटने फटने या गीला होने का डर नहीं होता. वो अपने मोबाइल में जीवन भर के लिए डाउनलोड करके रख सकता है. वोटर को चुनाव वाले दिन वोटर्स स्लिप दिखाने का झंझट भी खत्म हो जाएगा. चुनाव आयोग के लिए भी सुविधा होगी, क्योंकि वोटर आईडी कार्ड की छपाई का खर्च बचेगा.
PAN, Aadhaar भी हैं डिजिटल
अभी PAN, Aadhaar, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे जरूरी डॉक्यूमेंट्स डिजिटल हैं, जिन्हें आप सरकार के Digilocker में सेव करके रखते हैं.