जाम लगा तो फ्री हो जाएगा टोल, लाइव देख सकेंगे ट्रैफिक का हाल, ये है सरकार का हाईटेक FASTag प्लान
नई दिल्ली: देश भर के राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highways) पर FASTag अनिवार्य हो चुका है. रोजाना 95 करोड़ रुपये का कलेक्शन FASTag के जरिए टोल नाकों पर किया जा रहा है. सरकार डिजिटल टोल कलेक्शन (Digital Toll Collection) के जरिए टोल प्लाजा पर लगने वाले ट्रैफिक जाम (Traffic) को खत्म करना चाहती है, इसमें सरकार को सफलता भी मिल रही है, फिर भी अगर भविष्य में कभी टोल प्लाजा पर ट्रैफिक जाम की स्थिति पैदा हुई तो सरकार ने इसका भी इंतजाम सोच रखा है.
Toll Plaza ऑनलाइन ट्रैकिंग सिस्टम ऐप लॉन्च
अगली बार जब आप नेशनल हाईवे पर निकलेंगे तो पहले से ही देख सकेंगे कि किस टोल प्लाजा पर कितना ट्रैफिक जाम लगा हुआ है, इस हिसाब से आप अपना रूट और प्लान बदल सकते हैं. इसके लिए सड़क परिवहन मंत्रालय (Ministry of Road and Transport) ने आज एक रियल टाइम ऑनलाइन ट्रैफिक मॉनिटरिंग सिस्टम का ऐप लॉन्च किया है. इस ऐप पर आपको टोल नाकों पर मिनट दर मिनट का अपडेट मिलता रहेगा.
ट्रैफिक बढ़ा तो फ्री हो जाएगा FASTag
इसके अलावा सड़क और परिवहन मंत्रालय इस बात पर भी विचार कर रहा है कि किसी टोल प्लाजा की FASTags लेन पर अगर ट्रैफिक एक तय समय से ज्यादा हो जाता है तो उसे फ्री कर दिया जाएगा. इसके लिए तीन कलर कोड सिस्टम होगा, जैसे ग्रीन, येलो और रेड. जैसे ही किसी टोल प्लाजा पर ट्रैफिक रेड लाइन को पार करेगा, टोल प्लाजा को फ्री करके ट्रैफिक खोल दिया जाएगा. हालांकि इसको अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर टेस्ट किया जा रहा है.
RFID से चेक हो जाएंगे गाड़ी के पेपर्स
लोगों को गाड़ी के पेपर्स दिखाने के लिए ट्रैफिक पुलिस का सामना नहीं करना पड़ेगा, RFID के जरिए आपकी गाड़ी के डॉक्यूमेंट्स स्कैन हो जाएंगे और आपको कहीं रुकने की जरूरत नहीं होगी. इससे पुलिस का भी समय बचेगा और यात्रियों का भी.
FASTags से वेटिंग पीरियड घटा
सड़क और परिवहन मंत्रालय ने बताया है कि FASTags लेन में अब वेटिंग पीरियड तेजी से घट रहा है, पहले वेटिंग पीरियड 464 सेकेंड था, अब घटकर 150 सेकेंड रह गया है. यानी FASTags जैसे इलेक्ट्रॉनिक टोल पेमेंट सिस्टम से लोगों का काफी वक्त बच रहा है.