अब प्याज के दाम नहीं पहुंचेंगे 100 रुपये! बेकाबू कीमतों पर लगाम के लिए सरकार ने बनाया ये नया प्लान
प्याज की कीमतों को काबू में रखने के लिए सरकार ने एक योजना बनाई है, जिससे भारत को दो फायदे होंगे, पहला कीमतें काबू में रहेंगी दूसरा प्याज की किल्लत के वक्त दूसरे देशों के भरोसे नहीं बैठना पड़ेगा. इस कदम से आम आदमी के किचन का बजट भी नहीं बिगड़ेगा.
प्याज का बफर स्टॉक 1.5 लाख टन किया जाएगा
न्यूज एजेंसी cogencis में छपी खबर के मुताबिक एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि सरकार प्याज का बफर स्टॉक 1 लाख टन से बढ़ाकर 1.5 लाख टन करेगी, इससे आने वाले सालों में प्याज की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी नहीं होगी. प्याज का बफर स्टॉक बढ़ाए जाने से जब भी मार्केट में प्याज की कमी महसूस होगी तुरंत बफर स्टॉक का प्याज बाजार में उतार दिया जाएगा.
सरकार प्याज के इंपोर्ट को कम करना चाहती है
सरकार चाहती है कि घरेलू स्तर पर ही प्याज का इतना स्टॉक हो कि उसे बाहरी देशों से प्याज इंपोर्ट न करना पड़े. इस साल प्याज की भारी किल्लत के चलते सरकार को अफगानिस्तान से प्याज मंगवाना पड़ा था. लेकिन देश में ही बफर स्टॉक रहने से प्याज को इंपोर्ट नहीं करना पड़ेगा.
रबी फसल का प्याज खरीदेगी सरकार
इस योजना के तहत सरकार आने वाले रबी सीजन में पैदा हुए प्याज की खरीद किसानों से करेगी. इसकी वजह है कि इस सीजन में पैदा हुआ प्याज जल्दी खराब नहीं होता. हर साल नमी की वजह से 40,000 टन प्याज खराब हो जाता है. National Agricultural Cooperative Marketing Federation (NACMF) अगले साल अप्रैल से रबी फसल के प्याज की खरीद शुरू कर देगा
अबतक 99 हजार टन प्याज खरीदा
सरकार ने इस बार किसानों से प्राइस स्टेबिलिटी फंड्स तहत 99 हजार टन प्याज की खरीद की है और अबतक 63110 टन प्याज राज्यों को सप्लाई किया जा चुका है. पिछले कुछ दिनों में प्याज के भाव में गिरावट आई है.
प्याज की कीमतें काफी कम हुईं
कारोबारियों के मुताबिक मार्केट में अभी प्याज 25 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिक रहा है, जो कि सितंबर-अक्टूबर में 75 रुपये प्रति किलो था. कुछ बाजारों में तो ये 100 रुपये प्रति किलो भी पहुंच गया था. प्याज की कीमतों में ये बढ़ोतरी अगस्त-सितंबर में हुई बारिश की वजह से हुई थी, क्योंकि महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में कई टन प्याज खराब हो गया था. जहां से देश भर में प्याज की सप्लाई होती है.
प्याज पर स्टॉक लिमिट
प्याज की कीमतों में उछाल के बाद सरकार ने 23 अक्टूबर से रीटेल और होलसेल पर प्याज भंडारण की सीमा (Stock Limit) लागू कर दी थी. रीटेल व्यापारियों के लिए भंडारण की सीमा दो टन है, जबकि थोक व्यापारी 25 टन तक प्याज रख सकते हैं. सरकार ने अक्टूबर में ही प्याज के निर्यात पर रोक लगाई थी.