इन कारणों से Income Tax की रडार पर आते हैं लोग, खंगाले जाते हैं रिकॉर्ड; होती है मुश्किल
Income Tax Notice: आपने कुछ लोगों पर इनकम टैक्स का नोटिस आने के बारे में सुना होगा. यह ऐसे ही नहीं आ जाता, कई बार लोगों की तरफ से की गई गलतियों के बेस पर यह नोटिस आता है. दरअसल, आईटीआर (ITR) भरने के दौरान हर टैक्सपेयर को अपनी आमदनी के बारे में सही जानकारी देनी होती है. लेकिन कुछ गलतियों के कारण टैक्सपेयर इनकम टैक्स विभाग की रडार पर आ जाता है. आमतौर पर इन 5 बड़ी गलतियों में से कोई भी एक होने पर विभाग आपको नोटिस जारी करता है-
आईटीआर फॉर्म में गलत जानकारी दिये जाने पर इनकम टैक्स विभाग आपको नोटिस सकता है. दो तरह के स्क्रूटनी प्रोसेस में पहला मैन्युअल और दूसरा कंपल्सरी होता है. पहले स्क्रूटनी प्रोसेस से कुछ चीजों का ध्यान रखकर बचा जा सकता है. लेकिन दूसरे में चीजें पकड़ में आ जाती हैं.
कई बार आईटीआर नहीं भरने के कारण भी विभाग की तरफ से आपको नोटिस भेजा जाता है. यदि आपकी आमदनी आयकर छूट की लिमिट से ज्यादा है तो आपका आईटीआर भरना बेहद जरूरी है. यदि आप भारतीय नागरिक हैं और आपके पास विदेशी एसेट है तब भी आपका आईटीआर भरना आवश्यक है.
यदि आपके द्वारा रिटर्न में भरे गए टीडीएस और जहां से वह भरा गया है. उस जगह भुगतान में अंतर दिखाई देता है तो आपको नोटिस आ जाएगा. हमेशा पहले यह तय कर लें कि कितना टीडीएस कटा था और तब ही उसे रिटर्न में डालें.
आप किसी भी फाइनेंशियल ईयर में जो भी कमाते हैं उसे आईटीआर में अवश्य बताना चाहिए. कई बार लोग अकाउंट, एफडी और रिकरिंग डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज की जानकारी आईटीआर में नहीं देते.
कुछ लोग आईटीआर रिटर्न में गलती कर देते हैं और जरूरी जानकारियां देने से छोड़ देते हैं. यदि ऐसा होता है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से नोटिस आ सकता है. इसलिए जरूरी है कि आप किसी एक्सपर्ट से ही आईटीआर फाइल कराएं.
यदि आपके अकाउंट में कोई बड़ा ट्रांजेक्शन हुआ है या ज्यादा नकद पैसा जमा हुआ है तो आपको इनकम टैक्स विभाग का नोटिस आ सकता है. उदाहरण के लिए यदि किसी व्यक्ति की सालाना आय 5 लाख है और उसने सालभर में अकाउंट में 12 लाख रुपये डाल दिए तो आप इनकम टैक्स विभाग की रडार पर आ सकते हैं.