Health Insurance: कंपनी रिजेक्ट कर दे आपका Claim तो घबराएं नहीं, यहां करें शिकायत
एक आम मिडिल क्लास परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) एक सुरक्षा कवच की तरह होता है. जब ये कवच वक्त पर काम नहीं आता तो पूरा परिवार मुसीबत में फंस जाता है.
इंश्योरेंस कंपनियों ने रिजेक्ट कर दिए क्लेम
रामचंद्र सकलाल की यह कहानी कोई अकेली नहीं है. कोरोना महामारी के दौर में ऐसे तमाम किस्से निकलकर सामने आ रहे हैं. जब हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) कंपनियों ने ऐन मौके पर मरीजों के क्लेम रिजेक्ट (Reject) कर दिए. वहीं अस्पताल प्रबंधकों ने भी शर्त रख दी कि वे हेल्थ इंश्योरेंस के आधार पर कैशलेस इलाज नहीं करेंगे. ऐसे में लोगों को रिश्तेदारों या दूसरे लोगों से कर्ज लेकर अपने परिजनों का इलाज करवाने को मजबूर होना पड़ा.
30 दिन में मिलनी चाहिए क्लेम की रकम
विशेषज्ञों के मुताबिक किसी भी बीमा की रकम को 30 दिनों के अंदर मिल जाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है तो कई स्तर हैं, जहां इसकी शिकायत की जा सकती है. शुरुआत में इसकी कंप्लेंट कंपनी के बीमा दावा शिकायत विभाग में की जा सकती है. वहां से अगर अगर उचित जवाब नहीं मिलता है तो बीमा लोकपाल के यहां शिकायत कर निदान निकाला जा सकता है. अगर वहां पर हुई कार्रवाई से भी आप संतुष्ट नहीं होते हैं तो आप हाई कोर्ट जा सकते हैं.
हेल्थ इंश्योरेंस में इन बातों का रखें ध्यान
आपका हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम (Claim) मुसीबत के वक्त खारिज (Reject) न हो. इससे बचने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. सबसे पहले ध्यान दें कि बीमा लेते समय कोई ग़लत जानकारी नहीं दें. पहले से मौजूद बीमारियों की जानकारी ज़रूर बताएं. समय पर प्रीमियम का भुगतान करें. नियमों और शर्तों को अच्छी तरह से पढ़ लें. यह अच्छी तरह समझ लें कि कौन सी बीमारियां कवरेज से बाहर हैं.
क्लेम खारिज़ होने पर क्या करें
अगर सभी बातों का ध्यान रखने के बावजूद आपका क्लेम (Claim) आंशिक या पूरी तरह रिजेक्ट हो जाता है तो सबसे पहले बीमा कंपनी के शिकायत सेल में अपनी बात रखें. वहां से 15 दिन में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर IRDA में शिकायत करें. IRDA देश में बीमा क्षेत्र की सबसे बड़ी नियामक संस्था है. आप IRDA के टॉल फ्री नंबर 155255 या 1800 4254 732 पर भी शिकायत दे सकते हैं. इसके साथ ही IRDA के complaints@irdai.gov.in पर ई-मेल भी की जा सकती है.
बीमा लोकपाल के पास करें शिकायत
अगर आपका बीमा क्लेम 30 लाख रुपये तक का है और IRDA से शिकायत के बावजूद कुछ नहीं हुआ तो आप बीमा लोकपाल के पास जा सकते हैं. वह बीमाधारक और बीमा कंपनी के बीच मध्यस्थता की कोशिश करता है. लोकपाल तथ्यों के आधार पर क्लेम (Claim) की राशि तय कर सकता है. अगर बीमाधारक क्लेम की राशि से सहमत है तो आदेश पास कर दिया जाता है और कंपनी को 15 दिनों में उसका पालन करना होता है. अगर मध्यस्थता से बात न बने तो लोकपाल इकतरफा आदेश जारी कर सकता है और कंपनी को उसका 30 दिन में पालन करना होता है.