हेल्थ इंश्योरेंस रिन्यू कराने से पहले इन बातों को रखें ध्यान, वरना बाद में होगी परेशानी
Health Insurance: आज के समय में हेल्थ इंश्योरेंस लेना लोगों के पोर्टफोलियो का एक जरूरी हिस्सा बन गया है. कोरोना काल में इसकी डिमांड और ज्यादा बढ़ गई. लेकिन आपको बता दें कि जितना जरूरी हेल्थ इंश्योरेंस लेना है, उससे ज्यादा जरूरी है उसे रिन्यू कराते वक्त कुछ खास बातों का ख्याल रखना. कभी भी जल्दबाजी में इंश्योरेंस रिन्युअल नहीं कराना चाहिए. आज हम आपको कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं, जिनका इंश्योरेंस रिन्यू कराते वक्त ध्यान रखना चाहिए.
ड्यू से पहले रिन्युअल
ऐसा माना जाता है कि हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) को खत्म होने से 15-30 दिन पहले प्लान रिन्यू करा लेना चाहिए. आमतौर पर अधिकतर हेल्थ इंश्योरेंस में कंपनियां 15 से 30 दिन का ग्रेस पीरियड देती हैं. अगर ग्रेड पीरियड के दौरान प्रीमियम का पेमेंट नहीं होगा तो पॉलिसी को लैप्स माना जाता है.
इंश्योरेंस में शामिल सदस्यों की संख्या
हेल्थ इंश्योरेंस अपने परिवार की जरूरत के हिसाब से लेना चाहिए. समझदारी इसमें है कि परिवार के सभी सदस्य हेल्थ इंश्योरेंस में इंश्योर्ड हों. इसलिए पॉलिसी को रिन्यू कराते वक्त परिवार के सदस्यों को जोड़ने या हटाने पर विचार करना चाहिए.
इंश्योरेंस कवरेज को बढ़ाना
Health Insurance को रिन्यू कराने के दौरान समझें कि इलाज कराना हर साल महंगा हो रहा है. इसलिए रिन्यू के वक्त इंश्योरेंस कवरेज के बारे में सोचें कि क्या वो आपकी जरूरतों को पूरा कर रहा है. अगर नहीं तो उसका कवरेज बढ़ाएं.
टॉप अप प्लान
अगर आपके पास एक फिक्स प्लान है जो आप लंबे समय से चला रहे हैं तो आप उस पर टॉप अप ले सकते हैं. टॉप अप के जरिए आप इंश्योरेंस के फायदों को और बढ़ा सकते हैं. ये आपकी कवरेज को भी विस्तार देंगे.
नियम और शर्तें
कंपनियां अपनी इंश्योरेंस के नियम और कानूनों में वक्त के साथ बदलाव करती रहती हैं. इसलिए पॉलिसी को बिना समझे रिन्यू कराने की बजाए, बीमा की राशि, क्लेम की संख्या, नो-क्लेम बोनस और किए गए क्लेम के बारे में सारी जानकारी हासिल कर लें.