बेटी के लिए पैसा जमा करने से पहले सुकन्या समृद्धि योजना में हुए 5 बड़े बदलाव जान लीजिए
बेटियां किस्मत वाले के घर में पैदा होती हैं. बेटियों के भविष्य को ध्यान में रखकर मोदी सरकार की तरफ से तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं. पिछले दिनों केंद्र सरकार की तरफ से `सुकन्या समृद्धि योजना` शुरू की गई. इसमें निवेश करने पर आयकर की धारा 80C के तरह निवेश पर छूट मिलती है. आइए जानते हैं इसमें पिछले दिनों हुए 5 बड़े बदलावों के बारे में.
तय समय से पहले बंद कर सकते हैं अकाउंट
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खोले गए खाते को पहले दो परिस्थियों में बंद किया जा सकता था. पहला बेटी की मौत हो जाए तो और दूसरा यदि बेटी के रहने का पता बदल जाए तब. लेकिन नए बदलाव के बाद खाताधारक की जानलेवा बीमारी को भी इसमें शामिल कर लिया गया है. अभिभावक की मौत होने पर भी समय से पहले अकाउंट बंद किया जा सकता है.
अब तीसरी बेटी का भी खोल सकेंगे खाता
पहले इस योजना में दो बेटियों के खाते पर ही 80सी के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता था. तीसरी बेटी पर यह फायदा नहीं मिलता था. नए नियम के तहत एक बेटी के बाद यदि दो जुड़वां बेटियां पैदा होती हैं तो उन दोनों के लिए भी खाता खोलने का प्रावधान है.
डिफॉल्ट अकाउंट पर नहीं बदलेगी ब्याज दर
खाते में सालाना कम से कम 250 रुपये जमा करना जरूरी है. इस राशि के जमा नहीं होने पर अकाउंट को डिफॉल्ट मान लिया जाता है. लेकिन नए नियमों के तहत अगर खाते को दोबारा एक्टिव नहीं किया जाता है तो मैच्योर होने तक खाते में जमा राशि पर लागू दर से ब्याज मिलता रहेगा. पहले डिफॉल्ट खातों पर पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट के लिए लागू दर से ब्याज मिलता था.
खाता ऑपरेट करने के नियम
पहले नियम था कि बेटी 10 साल में ही खाते को ऑपरेट कर सकती थी. लेकिन नए नियमों के तहत 18 साल की उम्र से पहले बेटी को खाता ऑपरेट करने की मंजूरी नहीं दी जाएगी. उससे पहले अभिभावक ही खाते को ऑपरेट करते रहेंगे.
यह जानना भी जरूरी
नए नियमों में तहत खाते में गलत ब्याज डलने पर उसे वापस पलटने के प्रावधान को हटाया गया है. इसके अलावा खाते का सालाना ब्याज हर वित्त वर्ष के अंत में क्रेडिट किया जाएगा.