Microsoft में CEO से चेयरमैन बने Satya Nadella, जानें; सैलरी से लेकर सबकुछ

सत्या नडेला (Satya Nadella) ने साल 1992 में माइक्रोसॉफ्ट जॉइन किया था. कंपनी के साथ इतने लंबे वक्त तक जुड़े रहने के दौरान उन्होंने कई योजनाओं पर कार्य किया. माइक्रोसॉफ्ट में उनकी शुरुआत सर्वर ग्रुप से हुई थी.

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सत्या नडेला बने चेयरमैन

सैन फ्रांसिस्को: दुनिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से एक माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन पद पर भारतवंशी सत्या नडेला पहुंच चुके हैं. सत्या भले ही करोड़ों डॉलर की रकम हर साल पाते हों, लेकिन वो अपनी भारतीय कमजोरियों को छोड़ नहीं पाए हैं. आइये, हम आपको बता रहे हैं सत्या नडेला के बारे में सारी बातें... 

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हैदराबाद से पढ़े हैं सत्या नडेला

सत्या नडेला का जन्म हैदराबाद में साल 1967 में हुआ था. उनके पिता एक प्रशासनिक अधिकारी और मां संस्कृत की लेक्चरर थीं. उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा हैदराबाद पब्लिक स्कूल से करने के बाद साल 1988 में मनिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और इसके बाद कंप्यूटर साइंस में एमएस करने के लिए अमेरिका चले गए. उन्होंने 1996 में शिकागो के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए किया.

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सत्या ने माइक्रोसॉफ्ट को उबारा

नडेला को 2014 में माइक्रोसॉफ्ट का सीईओ बनाया गया था. जब उन्होंने यह पद संभाला था तो कंपनी कई तरह की परेशानियों से गुजर रही थी. नडेला ने न सिर्फ माइक्रोसॉफ्ट को इन परेशानियों से बाहर निकाला बल्कि उसे नई बुलंदियों तक पहुंचाया. उन्होंने क्लाउड कंप्यूटिंग, मोबाइल ऐप्लिकेशनंस और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर फोकस किया और साथ ही ऑफिस सॉफ्टवेयर फ्रेंजाईजी को भी आगे बढ़ाया. नडेला ने साल 2019 में 4.29 करोड़ डॉलर (करीब 316 करोड़ रुपये) कमाए, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 65 फीसदी अधिक थी. 

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माइक्रोसॉफ्ट में ही लगातार आगे बढ़ते रहे नडेला

सत्या नडेला ने साल 1992 में माइक्रोसॉफ्ट जॉइन किया था. कंपनी के साथ इतने लंबे वक्त तक जुड़े रहने के दौरान उन्होंने कई योजनाओं पर कार्य किया. माइक्रोसॉफ्ट में उनकी शुरुआत सर्वर ग्रुप से हुई थी. सत्या नडेला को ‘क्लाउड गुरु’ भी कहा जाता है. उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट में क्लाउड कंप्यूटिंग का नेतृत्व किया और कंपनी को दुनिया के सबसे बड़े क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में से एक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 

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ये हैं नडेला की कमजोरियां

वैसे अगर भारतीयों की बात करें तो आमतौर पर यहां क्रिकेट की दीवानगी का आलम कुछ यूं है कि वह कहीं न कहीं हम सबकी बड़ी कमजोरी है. भारत में क्रिकेट को धर्म की तरह माना जाता है. ऐसे में सत्या नडेला कैसे इससे अछूते रहते? सत्या नडेला क्रिकेट के बड़े फैन हैं और वो अक्सर क्रिकेट से जुड़ी जानकारियां लेते रहते हैं. वहीं, सत्या नडेला की दूसरी कमजोरी की बात करे तो उनको मिठाइयां खाने का बेहद शौक है. सत्या को पेस्ट्री बहुत पसंद है. उन्होंने इस बात को खुद स्वीकार किया है कि ये क्रिकेट और मिठाइयों से उनका खासा लगाव है. लिहाजा सफलता के शिखर पर पहुंचने के बावजूद नडेला शौक और पसंद के लिए वक्‍त निकाल ही लेते हैं.

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