PF के ब्याज पर टैक्स का फैसला नहीं होगा वापस! समझिए क्या करने वाली है सरकार
EPF Interest Rate Tax: 1 फरवरी को पेश हुए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रॉविडेंट फंड (PF) के ब्याज पर टैक्स लगाने का ऐलान किया तो हड़कंप मच गया. तमाम तरह की अफवाहें फैली, इस पर सरकार ने सफाई दी तो शंका के बादल छंटे. सरकार ने बताया कि इसका असर बमुश्किल PF में योगदान करने वाले बमुश्किल 1 परसेंट सब्सक्राइबर्स पर पड़ेगा.
सरकार अपने फैसले पर दोबारा विचार नहीं करेगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में ऐलान किया था कि प्रॉविडेंट फंड में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा का योगदान करने पर जो भी ब्याज मिलेगा उस पर ब्याज लगेगा. यह नियम 1 अप्रैल 2021 से लागू होगा. कई जगहों पर इसकी मांग उठी की सरकार को अपना ये फैसला वापस लेना चाहिए या उस पर दोबारा विचार करना चाहिए, लेकिन अब ऐसा होना मुश्किल है. क्योंकि सरकार अब उन लोगों की पहचान कर रही है जो PF योगदान का गलत फायदा उठा रहे हैं.
कुछ लोग इसका गलत फायदा उठा रहे
Times Of India में छपी एक खबर के मुताबिक 'सरकारी सूत्रों के मुताबिक कुछ लोग PF योगदान का गलत इस्तेमाल कर रहे थे. ये लोग महीने में 1 करोड़ रुपये तक PF खातों में जमा करके टैक्स छूट और ऊंचे ब्याज का फायदा ले रहे थे' सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि 'बिल्कुल, PF कामकाजी लोगों के लिए जिंदगी भर की बचत होती है, और सरकार वचनबद्ध है कि इसका फायदा उनको मिले, लेकिन हमें ऐसे रिफॉर्म भी करने होंगे जिससे इसकी टैक्स छूट गलत फायदा न उठाया जा सके'
मोटा योगदान करने वालों की पहचान होगी
सूत्रों के मुताबिक ये नया कदम उन लोगों की पहचान के लिए उठाया गया जो PF खातों में बड़ा अमाउंट डिपॉजिट कर टैक्स छूट का फायदा उठा रहे हैं. हमारे पास कुछ ऐसे लोगों की जानकारियां हैं EPF खातों में महीने में 1 करोड़ और 2 करोड़ भी जमा करते हैं, इससे सरकार को नुकसान हो रहा है' खबर ये भी है कि सरकार ऐसे विकल्प तलाश रही है कि जिसमें ऐसे कर्मचारियों के ब्याज आय पर सालाना डिडक्शन वसूला जाए जो अपने PF खाते में 2.5 लाख रुपये सालाना से ज्यादा जमा करते हैं.
आम लोगों पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ेगा
हालांकि इसका असर उन लोगों पर कतई नहीं पड़ेगा जो इनकम टैक्स की लिमिट 80C के तहत रहकर PF में योगदान करते हैं, क्योंकि इसकी लिमिट 1.5 लाख रुपये ही है. उनको E-E-E का फायदा मिलता रहेगा, यानी निवेश, ब्याज और मैच्योरिटी की रकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. इसलिए उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं.