9 की जगह अब होगा 8 घंटे काम! ओवरटाइम के लिए मिलेगी दोगुनी सैलरी, अगले साल से बदल जाएंगे नियम!

Working Hour News Update: 8 घंटे से ज्यादा काम करने पर अब कर्मचारियों को ओवरटाइम देने की तैयारी है. सरकार ने नए श्रम कानूनों (New Labour Laws) को लेकर पैदा हुई शंकाओं को दूर करे की कोशिश की है. 2019 में सरकार ने नया वेतन कोड (New Wage Code) पास किया था, जिसमें कामकाजी घंटों (working hours) को लेकर कहा गया कि ये 8 घंटे या 12 घंटे होंगे. तभी से इसे लेकर भ्रम की स्थिति है.

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12 नहीं, 8 घंटे हो सकते हैं Working Hours

The Economic Times में छपी खबर के मुताबिक सरकारी अधिकारियो ने बताया कि डेली वर्क ऑवर्स को 8 घंटे ही रखने पर विचार किया जा रहा है. लेकिन इसके बाद ओवरटाइम शुरू होगा. ओवरटाइम में सैलरी रोजाना की सैलरी से कम से कम दोगुनी होगी. 

न्यूजपेपर में छपी खबर के मुताबिक, सरकार के अधिकारियों की तरफ से ये सफाई इसलिए आई है कि ये भ्रम फैलने का डर था कि नए श्रम कानून में कामकाजी घंटों को बढ़ाकर 12 घंटे किया जा रहा है, जिसे दूर करना जरूरी है. 

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15 मिनट भी ज्यादा काम, मिलेगा ओवरटाइम!

फैक्टरीज एक्ट के तहत कंपनियां अपने यहां काम करने वाले लोगों से 9 घंटे से ज्यादा काम करवाती हैं, लेकिन उन्हें ओवरटाइम नहीं देती हैं. क्योंकि मौजूदा व्यवस्था के मुताबिक अगर कोई लेबर अपने काम के घंटों के बाद 30 मिनट से कम का समय ज्यादा देता है तो उसे ओवरटाइम नहीं माना जाता.

लेकिन नए श्रम नियमों के मुताबिक अब 15 मिनट से 30 मिनट का समय आधे घंटे के ओवरटाइम माना जाएगा. यानि अपने काम के घंटे खत्म होने के बाद अगर आप 15 मिनट भी अधिक समय देते हैं तो आपको 30 मिनट का ओवरटाइम दिया जाएगा.

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पहले जारी ड्राफ्ट में 12 घंटे काम का जिक्र

लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि नवंबर 2020 में लेबर मिनिस्ट्री की ओर से जारी ड्राफ्ट रूल्स में इसका जिक्र है कि कामकाजी घंटों को बढ़ाकर 12 घंटे किया जा सकता है. अभी 9 घंटे कामकाज का नियम है. सरकार ये नियम इसलिए लेकर आई क्योंकि अभी कई श्रम कानूनों पर स्थिति साफ नहीं है और उन्हें लेकर भ्रम की स्थिति बनी रहती है.  

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कर्मचारियों को वक्त पर वेतन देने का प्रावधान

नया वेतन नियम (Wage Code 2019) अगस्त 2019 में पास किया गया था, जो कि 1 अप्रैल, 2021 से लागू किया जा सकता है. इसमें वेतन, बोनस को लेकर चार तरह के नियम तय किए गए हैं. जिनके नाम हैं Payment of Wages Act, 1936, Minimum Wages Act, 1948, Payment of Bonus Act, 1965 और Equal Remuneration Act, 1976. नए वेतन नियम में इस बात का भी प्रावधान किया गया है कि कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन मिले और वक्त पर मिले. 

 

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