FTA: कॉमर्स एंड इंडस्‍ट्री म‍िन‍िस्‍टर पीयूष गोयल ने भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौता बातचीत में तेजी लाने के लिए आपसी संवेदनशीलता को समझने और उसका सम्मान करने पर जोर दिया. उन्होंने साफ क‍िया क‍ि यदि यूरोपीय संघ दुग्ध क्षेत्र को खोलने पर जोर देता है तो क‍िसी प्रकार का समझौता नहीं होगा. ‘एशिया पैसिफिक कांफ्रेंस ऑफ जर्मन बिजनेस’ के द‍िल्‍ली में आयोज‍ित 18वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि श्रम तथा जलवायु परिवर्तन जैसे ‘बाह्य’ मुद्दों पर इंटरनेशनल प्‍लेटफॉर्म पर पर चर्चा की जानी चाहिए.


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ईयू देशों की प्रति व्यक्ति आय भारतीय राज्यों की तुलना में ज्‍यादा


उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को एक-दूसरे की संवेदनशीलता को समझना होगा, सुनना होगा और उसकी सराहना करनी होगी. गोयल ने कहा, ‘आप (ईयू) 27 देश हैं, जिनकी अलग-अलग प्राथमिकताएं हैं. भारत में 27 राज्य हैं. हो सकता है कि मैं एक राज्य में सेब उगा रहा हूं, जो मुझे सेब क्षेत्र को खोलने की अनुमति नहीं देता है.’ उन्होंने साथ ही कहा कि ईयू सदस्य देशों की प्रति व्यक्ति आय भारतीय राज्यों की तुलना में काफी ज्‍यादा है. मंत्री ने कहा कि बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए व्यापार, निवेश और गहन रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देने पर फोकस करने की जरूरत है. गोयल ने कहा, ‘यदि हम इन बातों का ध्‍यान करें तो एफटीए बेहद सम्मानजनक, सराहनीय तरीके से और तेजी से किया जा सकता है.’


उन्होंने कहा, ‘सबसे पहले जो बात आती है वह यूरोपीय संघ के 27 देशों और भारत के मेरे 27 राज्यों के बीच की संवेदनशीलता है... यदि हम एक-दूसरे की संवेदनशीलता का सम्मान करते हैं, जैसा कि संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया तथा यूरोपीय मुक्त व्यापार संगठन (ईएफटी) के साथ है... तो हम केवल एक-दूसरे की संवेदनशीलता का सम्मान करते हैं और ऐसे मुद्दों पर सीमा नहीं लांघते जो ठेस पहुंचा सकते हैं. मिसाल के तौर पर दुग्ध..., मैं दुग्ध क्षेत्र नहीं खोल सकता. यदि यूरोपीय संघ जोर देता है कि मैं दुग्ध क्षेत्र के द्वार उसके लिए खोलूं, तो कोई एफटीए नहीं होगा.’ गोयल ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने भारत के साथ दुग्ध क्षेत्र के बिना अपना पहला एफटीए किया क्योंकि वे भारत के मुद्दों का सम्मान करते हैं.