नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कोरोना संकट (Coronavirus) के चलते सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था की रफ्तार को गति देने के लिए मंगलवार को 20 लाख करोड़ (USD 266 बिलियन) के आर्थिक पैकेज की घोषणा की. 


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प्रधानमंत्री मोदी ने देश के नाम संबोधन में अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान (Atmanirbhar Bharat Abhiyan) के तहत 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया, जो कि देश की कुल GDP का लगभग 10% है. अब यदि इस राशि को डॉलर में तब्दील करें, तो यह 266 बिलियन डॉलर हो जाती है और पाकिस्तान की GDP है 320 बिलियन डॉलर. इस हिसाब से हमारा आर्थिक पैकेज पाकिस्तान की वार्षिक GDP के 83 प्रतिशत के करीब है. वैसे, केवल पाकिस्तान ही नहीं, वर्ल्ड बैंक के GDP इंडिकेटर के हिसाब से यह आंकड़ा 149 देशों की वार्षिक GDP से भी अधिक है.


अगर आंकड़ों को देखें, तो आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज पाकिस्‍तान, वियतनाम, पुर्तगाल, ग्रीस, रोमानिया और न्‍यूजीलैंड जैसे 150 देशों की जीडीपी से ज्‍यादा है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस राहत पैकेज का ऐलान किया है वह 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है जबकि वर्ष 2019 में पाकिस्तान की कुल GDP 284.214 बिलियन अमेरिकन डॉलर थी. 


हालांकि, इससे पहले 2018 में पाक की GDP 300 बिलियन USD से ज्यादा थी लेकिन कोरोना संकट को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि 2020 में यह 200 बिलियन USD भी नहीं पहुंचेगी. भारत की GDP करीब 3,000 बिलियन डॉलर है.


पीएम मोदी के पैकेज की तुलना पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था से करें तो साल 2019 में पाकिस्तान सरकार ने 7022 बिलियन पाकिस्तानी रुपये का बजट पेश किया था, भारतीय रुपए में यह करीब 3.30 लाख करोड़ बैठता है. भारत का राहत पैकेज पाकिस्तान के बजट से करीब 6 गुना ज्यादा है.


राहत पैकेज की इस घोषणा के साथ ही सोशल मीडिया पर पाकिस्तान को लेकर मीम बनना शुरू हो गए. मसलन, ‘इमरान खान समझ नहीं पा रहे हैं कि 20 लाख करोड़ में कितने जीरो होते हैं’, वैसे यह तंज सच्चाई से ज्यादा जुदा नहीं है. क्योंकि भारत के इस वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज को यदि पाकिस्तान की सकल घरेलू आय यानी GDP से तुलना करके देखें, तो इमरान ही क्या पड़ोसी मुल्क के किसी भी शख्स के लिए हिसाब लगाना मुश्किल हो जाएगा.   


20 लाख करोड़ रुपये के इस पैकेज से सुस्त अर्थव्यवस्था को एक नई गति मिलने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए साहसिक सुधारों की जरूरत है ताकि भविष्य में COVID 19 जैसे संकट के प्रभाव को नकारा जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि निवेश को आकर्षित करने और 'मेक इन इंडिया' को मजबूत करने के लिए उपाय किए जाने चाहिए.


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