नई दिल्ली : पंजाब नेशनल बैंक ने विदेश भाग गए अरबपति हीरो कारोबारी नीरव मोदी को लोन जारी करने की प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेज प्रकट करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उनसे जुड़े 13 हजार करोड़ रुपये के घोटाले की जांच जारी है. मुंबई आधारित आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली के एक प्रश्न के जवाब में पीएनबी ने सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम की धारा 8(1) (एच) का हवाला देते हुए सूचना उजागर करने से इनकार कर दिया. गलगली ने बताया कि उन्होंने नीरव मोदी को रिण देने की प्रक्रिया से जुड़े सभी दस्तावेज का ब्योरा मांगा था. इसमें बैठक के मिनट, एजेंडा नोट, मोदी की तरफ से मांगा गया कुल लोन और बैंक की तरफ से दिये गए लोन की राशि शामिल है.


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13 हजार करोड़ की ठगी का आरोप
गौरतलब है कि आरटीआई अधिनियम की धारा 8 (1) (एच) ऐसी सूचनाएं प्रकट करने से रोकती है जो जांच या अपराधी की गिरफ्तारी या अभियोजन की प्रक्रिया बाधित करती है. गौरतलब है कि हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी पर पीएनबी को करीब 13 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है. इस मामले में ईडी और सीबीआई की तरफ से तेजी से कार्रवाई की जा रही है और जांच एजेंसियों ने दोनों आरोपियों की करीब 8 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त कर ली है.


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कर्मचारियों से पूछताछ की इजाजत
इससे पहले एक विशेष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) की वह अर्जी मंजूर कर ली जिसमें नीरव मोदी ग्रुप की कंपनियों के उन कर्मचारियों से पूछताछ की इजाजत मांगी गई थी जो पीएनबी घोटाला मामले में न्यायिक हिरासत में हैं. विशेष सीबीआई जज एस आर तंबोली ने कहा, ‘ईडी की अर्जी मंजूर की जाती है.’ ईडी ने पिछले हफ्ते अदालत का रुख कर सीबीआई की ओर से गिरफ्तार किए गए कुछ ऐसे आरोपियों से पूछताछ करने की इजाजत मांगी थी जो अभी न्यायिक हिरासत में हैं. ये आरोपी मुंबई के आर्थर रोड जेल में बंद हैं.


ईडी के एक अधिकारी ने बताया ‘हमने यह कहते हुए इजाजत मांगी थी कि हमने केस दर्ज किया है और हम उनसे पूछताछ करना चाहते हैं.’ ईडी ने विपुल अंबानी, मनीष बोसामिया, मितेन पंड्या, संजय राम्भिया, विपुल चटलिया और कविता मनकीकर से पूछताछ की इजाजत मांगी थी. इस साल 31 जनवरी और 15 फरवरी को सीबीआई और ईडी ने नीरव मोदी, उनकी कंपनियों और हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ पीएनबी घोटाले के सिलसिले में अलग- अलग मामले दर्ज किए थे.


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सीबीआई ने पीएनबी के पूर्व डीजीएम गोकुलनाथ शेट्टी सहित कुल 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस बीच, अदालत ने राजेश जिंदल की जमानत अर्जी खारिज कर दी. राजेश दक्षिण मुंबई में पीएनबी की ब्रैडी हाउस शाखा के तत्कालीन प्रमुख थे.