PPF Balance: सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF) एक लॉन्ग टर्म के लिए बचत-सह-निवेश योजना है. पीपीएफ को वेतनभोगी और गैर-वेतनभोगी दोनों योजनाओं में सबसे लोकप्रिय योजनाओं में से एक माना जाता है. यह सुरक्षा और गारंटीकृत रिटर्न का वादा करता है. पीपीएफ का इस्तेमाल निवेशक लंबी अवधि के लिए पैसा बनाने के लिए करते हैं. पीपीएफ पर मिलने वाला ब्याज प्रत्येक वित्तीय वर्ष के आखिर में खाते में जमा किया जाता है.


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पीपीएफ
पीपीएफ एग्जेम्प्ट-एग्जेम्प्ट-एग्जेम्प्ट (ईईई) कैटेगरी में आता है. पीपीएफ खाताधारक टैक्स मुक्त ब्याज कमा सकते हैं. जब आप 15वें वर्ष या इसके बाद इस स्कीम से बाहर निकलते हैं तो यह मैच्योरिटी राशि को टैक्स फ्री बनाता है. वेतनभोगी कर्मचारी आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट के लिए दावा कर सकते हैं.


पीपीएफ इंवेस्टमेंट
पीपीएफ खाते में एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये के निवेश की अनुमति है, जबकि एक वित्त वर्ष में अधिकतम सीमा 1.5 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है. फिलहाल पीपीएफ की ब्याज दर 7.1 फीसदी है और सालाना चक्रवृद्धि होती है. पीपीएफ योजना भारत सरकार द्वारा समर्थित है और यह गारंटीकृत जोखिम मुक्त रिटर्न प्रदान करती है.


पब्लिक प्रोविडेंट फंड
वहीं पीपीएफ खाताधारक मैच्योरिटी से पहले पैसे की आंशिक निकासी कर सकता है. सातवें साल से आंशिक निकासी की अनुमति है और 15 साल बाद ही पूरी रकम निकाली जा सकती है. पीपीएफ की मैच्योरिटी अवधि 15 वर्ष है. हालांकि 15 साल बाद कोई निवेशक चाहे तो 5-5 साल के हिसाब से इसको बढ़ा सकते हैं.


पीपीएफ ब्याज
वहीं पीपीएफ में निवेश कर अच्छा रिटर्न भी कमाया जा सकता है. इसके लिए एक कैलकुलेशन और टारगेट के हिसाब से पीपीएफ स्कीम में निवेश करना होगा. पीपीएफ स्कीम में अगर 1.5 लाख रुपये प्रति साल निवेश किया जाए और 25 सालों का टारगेट बनाया जाए तो 37.5 लाख रुपये 25 सालों में निवेश किए जाएंगे. वहीं 7.1 फीसदी के सालाना आधार पर इतनी रकम पर पीपीएफ खाताधारक को 65,58,015 रुपये का ब्याज हासिल होगा. इसके साथ ही 25 साल बाद मैच्योरिटी राशि 1,03,08,015 रुपये मिलेगी.


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