PPF Scheme: केंद्र सरकार की ओर से लोगों के फायदे के लिए कई स्कीम चलाई जा रही है. इन स्कीम के जरिए सरकार की ओर से अलग-अलग वर्ग के लोगों को अलग-अलग फायदे मुहैया करवाए जाते हैं. वहीं लोगों के बचत और इंवेस्टमेंट के लिए भी सरकार की ओर से कई स्कीम चलाई जा रही है. इन स्कीम में इंवेस्टमेंट करके ब्याज भी हासिल किया जा सकता है. इन्हीं में एक पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ भी है. पीपीएफ में इंवेस्टमेंट के जरिए कई फायदे तो हैं लेकिन कुछ नुकसान भी इस स्कीम से है. आइए जानते हैं इसके बारे में...


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लंबे वक्त के लिए फंसेगा पैसा
अगर आप छोटी अवधि का निवेश खोज रहे हैं तो पीपीएफ आपके लिए अच्छा विकल्प नहीं हैं. इस स्कीम के जरिए 15 साल के बाद मैच्योरिटी राशि हासिल होती है. ऐसे में इस स्कीम में लंबे वक्त तक पैसा फंसा रहेगा. जो लोग लंबी अवधि का निवेश नहीं चाहते हैं उनके लिए ये स्कीम फायदेमंद नहीं है.


ब्याज दर बदलने की संभावना
पीपीएफ अकाउंट में जमा राशि पर ब्याज भी मुहैया करवाया जाता है. हालांकि इस स्कीम में ब्याज दर स्थिर नहीं है. हर तीन महीने में केंद्र सरकार की ओर से इस स्कीम की ब्याज दर पर समीक्षा की जाती है और जरूरत बड़ने पर ब्याज दर में बदलाव भी किया जाता है. अप्रैल 2019 से जून 2019 तक इस स्कीम के तहत 8 फीसदी का ब्याज दिया जाता था. हालांकि फिलहाल इस स्कीम में 7.1 फीसदी ब्याज दिया जा रहा है. ऐसे में जिन लोगों को अपने निवेश पर ज्यादा रिटर्न चाहिए उनके लिए ये स्कीम फायदेमंद नहीं होगी.



निवेश की लिमिट
पीपीएफ स्कीम में निवेश की लिमिट भी निर्धारित है. इस स्कीम के तहत एक वित्त वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है. वहीं अगर कोई इससे ज्यादा निवेश करना चाहता है तो वो इस स्कीम में ऐसा नहीं कर पाएंगे. ऐसे में एक साल में 1.5 लाख रुपये से ज्यादा का निवेश करने वाले लोगों के लिए ये स्कीम नहीं है.


(डिस्‍क्‍लेमर: यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है. शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)


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