Bank Strike: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों ने 27 जून को हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है. कर्मचारी संगठनों ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि उनकी प्रमुख मांगों में सप्ताह में पांच कार्य दिवस तथा पेंशन संबंधी मुद्दों का निराकरण शामिल है.


इन बैंकों ने लिया फैसला


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (एआईबीओसी), अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) और नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) सहित नौ बैंक यूनियनों की एक संयुक्त संस्था - यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया. 


सात लाख कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे!


एआईबीईए के महासचिव सी एच वेंकटचलम ने यूएफबीयू की बैठक के बाद कहा कि उनकी मांगों में सभी पेंशनभोगियों के लिए पेंशन योजना में संधोशन और राष्ट्रीय पेंशन योजना को खत्म करना तथा सभी बैंक कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करना शामिल है. एआईबीओसी की महासचिव सौम्या दत्ता ने कहा कि देश भर के करीब सात लाख कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे.


1 अप्रैल 2004 से देश से लागू है नई पेंशन स्कीम


आपको बता दें कि देश में 1 अप्रैल 2004 से तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने डिफेंस सर्विसेज को छोड़कर बाकी सरकारी सेवाओं में नई पेंशन स्कीम लागू कर दी थी. देश में नई राष्ट्रीय पेंशन योजना (National Pension System -NPS) लागू की गई. केंद्र सरकार ने इसे राज्यों के लिए अनिवार्य नहीं किया था लेकिन धीरे-धीरे ज्यादातर राज्यों ने अपने यहां भी नई पेंशन स्कीम लागू कर ली थी. 


पुरानी और नई पेंशन स्कीम में फर्क


पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी की सैलरी से कोई कटौती नहीं होती थी. वहीं, नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी की सैलरी से 10 फीसदी की कटौती की जाती है. साथ ही इसमें 14 फीसदी हिस्सा सरकार मिलाती है. पुरानी पेंशन योजना में रिटायर्ड कर्मचारियों को सरकारी कोष से पेंशन का भुगतान किया जाता था. वहीं, नई पेंशन योजना शेयर बाजार आधारित है और इसका भुगतान बाजार पर निर्भर करता है. पुरानी पेंशन योजना में जीपीएफ की सुविधा होती थी, लेकिन नई स्कीम में जीपीएफ की सुविधा नहीं है. पुरानी पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट के समय की सैलरी की करीब आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती थी. जबकि नई पेंशन स्कीम में निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नहीं है.


(इनपुट-एजेंसी)