गंदे रनिंग रूम, चूहों का आतंक, खटमल का कहर...लोको पायलट्स का जीना हराम, छलका दर्द
Assistant Loco Pilot: रेलवे के रनिंग रूम में रखी शिकायत पुस्तिका में लोको पायलेट्स ने लिखा है कि खटमल और मच्छर सिर्फ नींद ही खराब नहीं करते हैं बल्कि सुरक्षित ट्रेन चलाने के लिए भी खतरा पैदा कर सकते हैं.
RRB Railway Assistant Loco Pilot ALP: लाखों लोगों के लिए लाइफलाइन कही जाने वाली भारतीय रेलवे के लोको पायलट एक बार फिर रेलवे की खराब व्यवस्थाओं से त्रस्त हैं. रेलवे बोर्ड को लिखे शिकायत में पायलेट्स ने कहा है कि रनिंग रूम में आराम करने की बजाय हम परेशान हो जाते हैं. अगर हमें पूरी नींद नहीं मिलेगी तो हम अपना काम कैसे करेंगे.
रनिंग रूम वह कमरा होता है जहां लोको पायलट अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद आराम करते हैं. रेलवे के रनिंग रूम में रखी शिकायत पुस्तिका में लोको पायलेट्स ने लिखा है कि खटमल और मच्छर सिर्फ नींद ही खराब नहीं करते हैं बल्कि सुरक्षित ट्रेन चलाने के लिए भी खतरा पैदा कर सकते हैं.
इन शिकायतों की संख्या काफी अधिक है. इन पर कार्रवाई करते हुए रेलवे बोर्ड ने सभी जोन को तुरंत इनका समाधान करने का निर्देश दिया है. अन्य आम शिकायतें अनहेल्दी फूड्स, गंदे कमरे और खराब एसी से संबंधित थीं.
खटमल ने किया जीना हरामा
एक लोको पायलट और उसके सहायक ने 28 अगस्त को उत्तर पश्चिम रेलवे जोन के अजमेर मंडल में एक रनिंग रूम की शिकायत पुस्तिका में लिखा, "मैं कमरा नंबर 10 में खटमलों के कारण रात 12.30 बजे से जाग रहा हूं. अधूरे आराम के कारण मैं असहज महसूस कर रहा हूं. इससे ट्रेन चलाना मुश्किल हो सकता है."
ऑब्जर्वर ने अपनी कार्रवाई रिपोर्ट में लिखा कि उन्होंने 31 अगस्त को कीट नियंत्रण और चूहों को भगाने संबंधी सेवा के लिये आदेश दिया था और समस्या का समाधान हो गया है. मध्य रेलवे जोन के अंतर्गत नागपुर मंडल के बल्हारशाह रनिंग रूम में एक सहायक लोको पायलट ने इसी तरह का मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि खटमलों के बारे में उसकी पिछली शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.
चूहों ने भी मचा रखा है आतंक
सहायक लोको पायलट ने लिखा है कि खटमलों की समस्या पहले भी थी और अब भी कक्ष संख्या 15, 16 या 17 में बनी हुई है. अब चूहे भी एक समस्या बन गए हैं. रनिंग रूम में आराम करने की बजाय हम परेशान हो जाते हैं. अगर हमें पूरी नींद नहीं मिलेगी तो हम अपना काम कैसे करेंगे.
अन्य रनिंग रूम की शिकायत पुस्तिकाओं से पता चलता है कि खटमल का प्रकोप अन्य रेल मंडलों में भी है. उदाहरण के लिए, सोलापुर रेल मंडल के कुर्दुवाड़ी जंक्शन के रनिंग रूम में लोको पायलटों ने खटमल की शिकायत की है. एक मेल ट्रेन के लोको पायलट ने शिकायत की, “केडब्ल्यूआर (कुर्दुवाड़ी जंक्शन) रनिंग रूम के बेड संख्या 7 पर खटमल रेंग रहे थे, जिसके कारण मेरी नींद में खलल पड़ा और मुझे बीच में ही बिस्तर बदलना पड़ा. कृपया इस समस्या का समाधान करें ताकि अन्य कर्मचारियों को ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े.
... तो लोको पायलट को दोषी ठहराएंगे
खटमलों के अलावा, मच्छर भगाने वाली दवाओं की कमी, खराब स्वच्छता और भोजन की गुणवत्ता, तथा खराब वातानुकूलन प्रणाली कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हें लोको पायलट अक्सर शिकायत पुस्तिका में उठाते हैं. अपनी पीड़ा साझा करते हुए एक लोको पायलट ने कहा, “हाल ही में रनिंग रूम में मच्छरों के कारण मैं पूरी रात सो नहीं सका. सुपरवाइजर मच्छर भगाने वाली सामग्री उपलब्ध कराने में विफल रहा. अगर कल को गाड़ी चलाते समय कुछ अनहोनी हो जाए तो लोग लोको पायलट को ही दोषी ठहराएंगे.
(इनपुटः एजेंसी)