Ticket Concesation: साल 2020 में कोरोना महामारी के बाद से रेलवे की तरफ से सीन‍ियर स‍िटीजन को ट‍िकट पर म‍िलने वाले ड‍िस्‍काउंट को खत्‍म कर द‍िया गया था. लंबे अंतराल के बाद जब ट्रेनों का सुचारू रूप से संचालन शुरू क‍िया गया तो वर‍िष्‍ठ नागर‍िकों को म‍िलने वाली छूट को फ‍िर से बहाल करने की मांग की गई. लेक‍िन रेलवे म‍िन‍िस्‍टर अश्‍व‍िनी वैष्‍णव ने कहा क‍ि रेलवे की तरफ से पहले ही यात्र‍ियों को 55 प्रत‍िशत तक की सब्‍स‍िडी दी जा रही है. बजट में भी सरकार से इस छूट को फ‍िर से शुरू करने की मांग की गई. इस बीच एक नई र‍िपोर्ट सामने आई है, ज‍िसके बाद लोगों को उम्‍मीद है क‍ि सीन‍ियर स‍िटीजन को क‍िराये में म‍िलने वाली छूट फ‍िर से शुरू हो सकती है.


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सीन‍ियर स‍िटीजन की संख्या में तीसरे साल गिरावट
दरअसल, साल 2019 के बाद से ट्रेन में सफर करने वाले सीन‍ियर स‍िटीजन की संख्या में लगातार तीसरे साल गिरावट आई है. ये गिरावट 85 प्रत‍िशत तक दर्ज की गई है. इसके चलते रेलवे की औसत कमाई घटकर आधी हो गई है. दरअसल कोविड महामारी के दौरान खराब वित्तीय हालत को देखते हुए रेलवे ने तीन कैटेगरी को छोड़कर सभी के किराए में रियायत बंद कर दी थी, इनमें वरिष्ठ नागरिक भी हैं. महामारी से पहले 60 साल से ज्यादा उम्र के नागरिकों को 50 प्रत‍िशत की छूट मिलती थी.


महिलाओं को 50 प्रतिशत की छूट मिलती थी
इस छूट में पुरुषों को 40 फीसदी, महिलाओं को 50 प्रतिशत की छूट मिल रही थी. कोविड से पहले रेलवे ने मेल, एक्सप्रेस, राजधानी, शताब्दी, जन शताब्दी और दुरंतो ट्रेनों की सभी श्रेणियों में 60 वर्ष और उससे अधिक के पुरुष वरिष्ठ नागरिकों और 58 वर्ष और उससे अधिक की महिलाओं को किराए में रियायत दी थी. जिसे महामारी के बाद भी बहाल नहीं किया गया. इसी के परिणाम स्वरूप रेलवे में यात्रा करने वाले वरिष्ठ नागरिकों की संख्या में 2019 के बाद से लगातार साल दर साल गिरती जा रही है. आंकड़ों के अनुसार ये साल 2020 में 7.4 करोड़ से 2021 में 1.3 करोड़ और साल 2022 में 1.2 करोड़ पर पंहुच गई.


औसत कमाई 225 रुपये से घटकर 123 रह गई
इसी के तहत साल 2019 में रेलवे ने प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक यात्री से औसत कमाई 225 रुपये थी जोकि साल 2022 में घटकर महज आधी 123 रुपये रह गई. ऐसे में ये साफ है कि वरिष्ठ नागरिकों की रेल यात्रा कमी के कारण रेलवे की कमाई भी 90 फीसदी से कम हो गई. एक आरटीआई के हवाले से से सामने आया है कि साल 2022 में लगभग 1.2 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों ने ट्रेन से यात्रा की, जिससे रेलवे को 150 करोड़ रुपये की कमाई हुई. वहीं इससे पहले 2019 में, 7.4 करोड़ वरिष्ठ नागरिक ट्रेन यात्री थे जिनसे रेलवे को 1,663 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित हुआ था.


आरटीआई डेटा से यह भी पता चला है कि 2019 और 2022 के बीच, सभी श्रेणियों में बुक किए गए कुल टिकटों में लगभग 30 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है, और 2021 और 2022 के बीच इसमें 12 फीसदी की वृद्धि हुई है. 2019 में रेलवे ने 36,380 करोड़ रुपए की कमाई करते हुए 42 करोड़ टिकट बुक किए थे. 2022 में, यह बढ़कर 53.54 करोड़ टिकट हो गया, जिससे राजस्व में 47,757 करोड़ रुपये मिले. (Input एजेंसी से भी)


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