राजस्थान की नई सरकार को विरासत में मिलेगा कर्ज का बोझ, कैसे सुधरेगी सूबे की सेहत?
BJP Govt in Rajasthan: गहलोत सरकार ने चुनाव से पहले मतदाताओं को लुभाने के लिए सरकारी योजनाओं के जरिये खूब पैसा बहाया. लेकिन अब जब मतदाओं ने बीजेपी पर भरोसा जताया है तो कर्ज का यह बोझ अगली सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं.
Rajasthan Govt Debt: राजस्थान की जनता ने परंपरा को बरकरार रखते हुए फिर से बीजेपी पर भरोसा जताया है. चुनावी नतीजे जारी होने के बाद इस बार प्रदेश के मुख्यमंत्री का ताज किसके सिर सजेगा? इसको लेकर माथापच्ची चल रही है. दरअसल, इस बार बीजेपी ने मुख्यमंत्री पद के लिए किसी के भी नाम का ऐलान नहीं किया था. मुख्यमंत्री चाहे जो भी हो सरकार, उसकी राह आसान नहीं रहने वाली. दरअसल, आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान कर्ज के बोझ में डूबा पड़ा है. इनमें से ज्यादा कर्ज अशोक गहलोत की सरकार में लिये गए. ऐसे में सवाल यही उठता है कि अब आगे क्या होगा?
जनता को लुभाने के लिए एक के बाद एक कई घोषणाएं
राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान जनता को लुभाने के लिए एक के बाद एक कई घोषणाएं की थीं. इसके अलावा गहलोत सरकार ने चुनाव से पहले मतदाताओं को लुभाने के लिए सरकारी योजनाओं के जरिये खूब पैसा बहाया. लेकिन अब जब मतदाओं ने बीजेपी पर भरोसा जताया है तो कर्ज का यह बोझ अगली सरकार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं. अप्रैल से अगस्त 2023 तक ही राजस्थान सरकार ने 12288 करोड़ रुपये का कर्ज लिया. आरबीआई की तरफ से जारी रिपोर्ट के अनुसार 2022-23 के दौरान राजस्थान राज्य का कर्ज बढ़कर 5,37,013 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.
पंजाब के बाद राजस्थान पर सबसे ज्यादा कर्ज का बोझ
कर्ज लेने के मामले में राजस्थान, पंजाब के बाद दूसरे नंबर पर है. एक साल पहले राजस्थान पर कर्ज का बोझ 4,58,089 करोड़ रुपये था. जो कि चुनावी साल में बढ़कर 5,37,013 रुपये हो गया. यानी एक साल में कर्ज का बोझ करीब 18 से 20 फीसदी बढ़ गया. कर्ज का बड़ा कारण सरकारी योजनाओं पर किया गया खर्च भी माना जा रहा है. नई सरकार पर योजनाओं को जारी रखने के साथ ही पहले से बेहतर करने का दबाव रहता है. ऐसे में राज्य की आर्थिक स्थिति सुधारना बेहद चुनौतीपूर्ण होने वाला है. आइए जानते हैं बीजेपी की तरफ से की गई घोषणाओं के बारे में, जिन्हें पूरा करना बड़ा ही चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है.
1.) पीजी तक की फ्री पढ़ाई : चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी की तरफ से केजी से लेकर पीजी तक की पढ़ाई मुफ्त में देने का वादा किया गया है. इसके अलावा रसोई गैस का सिलेंडर महज 450 रुपये में उपलब्ध कराने की बात कही गई है.
2.) लाडो प्रोत्साहन योजना के तहत गरीब परिवारों की लड़कियों के जन्म पर सेविंग बॉन्ड दिया जाएगा. कक्षा 6 में 6,000, कक्षा 9 में 8,000 रुपये, कक्षा 10 में 10,000 रुपये, कक्षा 11 में 12,000 रुपये, कक्षा 12 में 14,000 रुपये, प्रोफेशनल कोर्स के पहले और अंतिम साल में 50000 रुपये दिये जाएंगे. इसके अलावा 21 साल की उम्र में एक लाख की एकमुश्त राशि भी दिये जाने का प्रावधान है.
3.) मुख्यमंत्री फ्री स्कूटी योजना शुरू करेन का ऐलान. इसके अंतर्गत कक्षा 12 पास करने वाली मेधावी छात्राओं को स्कूटी दी जाएगी.
4.) लखपति दीदी योजना के तहत 6 लाख से ज्यादा ग्रामीण महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके तहत इस प्रशिक्षण के आधार पर उनकी सालाना इनकम एक लाख रुपये करने का प्रावधान है.
5.) राजस्थान सशस्त्र बल (RAC) के तहत 3 महिला पुलिस बटालियन पदमिनी, काली बाई और अमृता देवी शुरू करने का प्रावधान.
6.) पीएम मातृ वंदना योजना के तहत मिलने वाली 5,000 रुपये की राशि को बढ़ाकर 8,000 रुपये किये जाने का प्रावधान है.
7.) पीएम किसान निधि के तहत किसानों के लिए वित्तीय सहायता 6000 रुपये से बढ़ाकर सालाना 12,000 रुपये किये जाने का वादा.
8.) 20,000 करोड़ रुपये के साथ एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन शुरू करने का वादा. इसके अंतर्गत राज्य में छंटाई और ग्रेडिंग यूनिट, कोल्ड चेन चेम्बर्स, गोदाम आदि का निर्माण किया जाएगा.
9.) गेहूं की एमएसपी के बाद बोनस देकर 2,700 रुपये प्रति क्विंटल पर बोनस देकर खरीदने की व्यवस्था शुरू करने का वादा.
10.) 100 करोड़ की लागत से ऊंट संरक्षण और विकास मिशन शुरू करने का वादा. इसके तहत राज्य पशु ऊंट के पालन और संरक्षण के लिए किसानों को सहायता प्रदान की जाएगी.
राजस्थान की प्रति व्यक्ति आय
साल 2023 में जारी किये गए NSDP आंकड़े के अनुसार राजस्थान की प्रति व्यक्ति आय 156,149 रुपये है. 2022 में यह आंकड़ा 135,962 रुपये था. पांचों चुनावी राज्यों में देखें तो 2022-23 में तेलंगाना की प्रति व्यक्ति आय 3,08,732 रुपये के साथ सबसे ज्यादा है. इसके बाद मिजोरम की प्रति व्यक्ति आय है लेकिन इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया गया. तीसरे पायदान पर राजस्थान है.