Ration Card: अब राशन तौल में नहीं होगी गड़बड़ी! सरकार ने कोटेदारों के लिए बनाया जरूरी नियम, जान लीजिए
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (National Food Security Law) के तहत लाभार्थियों को सही मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध हो इसके लिए केंद्र सरकार ने राशन की दुकानों पर इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ़ सेल (EPOS) उपकरणों को इलेक्ट्रॉनिक तराजू को जोड़ने का आदेश दिया है.
Ration Card Update: राशन कार्ड के तहत खाद्यान्न लेने वालों के लिए खुशखबरी है. एक तरफ सरकार ने फ्री राशन की अवधि सितंबर तक के लिए बढ़ा दी है. वहीं, दूसरी तरफ अब राशन की दुकान पर कोटेदार घटतौली नहीं कर पाएंगे. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (National Food Security Law) के तहत लाभार्थियों को सही मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध हो इसके लिए केंद्र सरकार ने राशन की दुकानों पर इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ़ सेल (EPOS) उपकरणों को इलेक्ट्रॉनिक तराजू के साथ जोड़े जाने के लिए खाद्य सुरक्षा कानून नियमों में संशोधन कर दिया है. आपको बता दें कि सरकार ने लाभार्थियों के लिए खाद्यान्न तौलते समय राशन की दुकानों में पारदर्शिता बढ़ाने और घटतौली रोकने के लिए यह कदम उठाया है.
क्या कहता है नियम?
सरकार का कहना है कि यह संशोधन एनएफएसए के तहत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS) के संचालन की पारदर्शिता में सुधार के माध्यम से अधिनियम की धारा 12 के तहत खाद्यान्न तौल में सुधार प्रक्रिया को और आगे बढ़ाने का एक प्रयास है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत सरकार देश के करीब 80 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति, प्रति माह पांच किलो गेहूं और चावल (खाद्यान्न) क्रमश: 2-3 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर दे रही है.
एक आधिकारी के अनुसार, 'खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने एनएफएसए 2013 के तहत लाभार्थियों को उनकी पात्रता के अनुसार सब्सिडी वाले खाद्यान्नों का वितरण सही मात्रा में वितरण सुनिश्चित करने के लिए 18 जून 2021 को एक अधिसूचना जारी की.'
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क्या हुआ बदलाव?
सरकार ने कहा कि ईपीओएस (EPOS) उपकरणों को उचित तरीके से संचालित करने वाले राज्यों को प्रोत्साहित करने और 17.00 रुपये प्रति क्विंटल के अतिरिक्त मुनाफे से बचत को बढ़ावा देने के लिए खाद्य सुरक्षा (राज्य सरकार की सहायता नियमावली) 2015 के उप-नियम (2) के नियम 7 में संशोधन किया गया है.
इसके तहत पॉइंट ऑफ सेल डिवाइस की खरीद, संचालन और रखरखाव की लागत के लिए प्रदान किए गए अतिरिक्त मार्जिन से अगर किसी भी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश को यदि बचत होती है तो इसे इलेक्ट्रॉनिक तौल तराजू की खरीद, संचालन एवं रखरखाव के साथ दोनों के एकीकरण के लिए उपयोग में लाया जा सकता है.