नई दिल्ली: RBI Credit Policy Today Update: Reserve Bank of India ने लगातार छठी बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. कोरोना महामारी की दूसरी लहर और महंगाई की हालत को देखते हुए RBI गवर्नर शक्तिकांता दास ने बाजार की उम्मीद के मुताबिक रेपो रेट (4%), रिवर्स रेपो रेट (3.35%) और कैश रिजर्व रेश्यो (CRR-4%) की दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. 


RBI ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया


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मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) के सभी 6 सदस्यों ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने के पक्ष में अपना फैसला दिया. साथ ही रिजर्व बैंक ने जबतक कोरोना महामारी का असर कम नहीं होता, तब तक अपना रुख अकोमोडेटिव बरकरार रखने का फैसला किया है. यानी भविष्य में ब्याज दरों में किसी कटौती की गुंजाइश रहेगी तो वो हो सकती है. इसके अलावा मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) रेट और बैंक रेट को भी 4.25 परसेंट पर बरकरार रखा गया है. 


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'कोरोना का असर गांवों, छोटे शहरों पर हुआ'


रिजर्व बैंक ने कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर का छोटे शहरों पर बड़ा असर हुआ है. गांवों में कोविड-19 के पहुंचने से डिमांड में डाउनसाइड रिस्क बना रहेगा, लेकिन दूसरी लहर में मोरटेलिटी रेट यानी मृत्यु दर पहली लहर से ज्यादा रहा, लेकिन आर्थिक गतिविधियों पर इसका ज्यादा असर नहीं हुआ. RBI गवर्नर ने उम्मीद जताई कि वैक्सीनेशन की प्रकिया में तेजी से रिवाइवल में भी तेजी आएगी. 


FY22 में GDP ग्रोथ अनुमान घटाया


कोरोना महामारी के इस दौर में GDP ग्रोथ पर नेगेटिव असर पड़ा है. रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान 10.5 परसेंट से घटाकर 9.5 परसेंट कर दिया है. वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में GDP ग्रोथ 18.5 परसेंट (पहले अनुमान 26.2%), दूसरी तिमाही में 7.9% (पहले अनुमान 8.3%), तीसरी तिमाही में 7.2% (पहले अनुमान 5.4) और चौथी तिमाही में 6.6% (पहले अनुमान 6.2%) रहने का अनुमान है. मतलब तीसरी तिमाही से GDP ग्रोथ में सुधार दिखेगा. 
जहां 


FY22 में CPI अनुमान 5.1 परसेंट


शक्तिकांता दास ने कहा कि ग्रोथ को वापस लाने के लिए पॉलिसी सपोर्ट बेहद अहम है, कमजोर डिमांड से प्राइस प्रेशर का दबाव देखने को मिला है. महंगे कच्चे तेल के चलते कीमतों पर दबाव रहा है. रीटेल महंगाई दर यानी CPI पर RBI का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2022 में CPI 5.1 परसेंट रहेगी, इसमें पहली तिमा ही में ये 5.2 परसेंट, दूसरी तिमाही में 5.4 परसेंट, तीसरी तिमाही में 4.7 परसेंट और चौथी तिमाही में 5.3 परसेंट रहने का अनुमान है. 


RBI का कहना है कि एक्सपोर्ट के लिए पॉलिसी सपोर्ट की जरूरत है, ग्लोबल डिमांड से एक्सपोर्ट को सहारा मिलेगा और मॉनसून बेहतर रहने से रूरल डिमांड को भी सपोर्ट मिलेगा.


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