महंगाई पर इस साल नहीं मिलेगी राहत! क्या है RBI के डिप्टी गवर्नर के बयान के मायने?
Retail Inflation: भारतीय रिजर्व बैंक के 90वें साल के उपलक्ष्य में आयोजित उच्च स्तरीय सम्मेलन में पात्रा ने कहा कि खाद्य और ईंधन की कीमत में बार-बार झटकों ने मौद्रिक नीति के संचालन को चुनौती दी है.
Inflation Rate: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा ने कहा कि रिटेल महंगाई दर 2024-25 में औसतन 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. इसके अलावा अगले साल यानी 2025-26 में इसके टारगेट के अनुरूप होने की उम्मीद है। सरकार ने रिजर्व बैंक को यह तय करने का काम सौंपा है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) बेस्ड खुदरा महंगाई दर दो प्रतिशत की घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रहे. पिछले तीन महीने में महंगाई दर छह प्रतिशत से नीचे रही है.
खुदरा महंगाई दर 4.5 प्रतिशत के करीब रहने की उम्मीद
पात्रा ने कहा कि साल 2025-26 में स्थायी रूप से लक्ष्य के अनुरूप रहने से पहले साल 2024-25 में खुदरा महंगाई दर 4.5 प्रतिशत के करीब रह सकती है. भारतीय रिजर्व बैंक के 90वें साल के उपलक्ष्य में आयोजित उच्च स्तरीय सम्मेलन में पात्रा ने कहा कि खाद्य और ईंधन की कीमत में बार-बार झटकों ने मौद्रिक नीति के संचालन को चुनौती दी है. पात्रा ने कहा कि भारत में मूल्य स्थिरता एक साझा जिम्मेदारी है, जिसके तहत सरकार लक्ष्य तय करती है और केंद्रीय बैंक इसे हासिल करता है.
उन्होंने कहा कि इससे वित्तीय स्थिरता, फिक्सल स्ट्रेंथ या वृद्धि के लिए रिस्क पैदा किए बिना मौद्रिक-राजकोषीय समन्वय की अनुमति मिलती है. पात्रा ने यह भी कहा कि आने वाले सालों में महंगाई को लक्ष्य के अनुरूप रखने पर बेस्ड मौद्रिक नीति को लेकर और भी बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. केंद्रीय बैंकों के सामने जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न समस्याओं को लेकर चुनौतियां हैं. इससे खाद्यान्न और ऊर्जा की कमी और उत्पादक क्षमता में गिरावट जैसे आपूर्ति झटके की आशंका है.
इस स्थिति में केंद्रीय बैंकों को अपने लक्ष्यों को हासिल करने को लेकर बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है. डिप्टी गवर्नर ने कहा कि मौद्रिक नीति तैयार करते समय जोखिमों के संतुलन का मूल्यांकन करना अच्छा ‘हाउसकीपिंग’ माना जाता है. उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में विभिन्न नीतियों के बीच तालमेल का फायदा उठाते हुए, मुद्रास्फीति को लक्ष्य के अनुरूप रखने को लेकर भविष्य की नीति रूपरेखा को अधिक मजबूत बनाने की जरूरत है.