Shaktikanta Das On Agriculture Sector: करोड़ों किसानों को खुश कर देगा RBI गवर्नर का यह अपडेट, नीचे आएगा गेहूं का रेट?
Reserve Bank of India: आरबीआई गवर्नर ने कहा कि देश का एग्रीकल्चर सेक्टर `मजबूत` बना हुआ है. रबी की फसल की बुवाई की शुरुआत भी अच्छी रही है. उन्होंने कहा बारिश के असामान्य रहने से खरीफ उत्पादन में कुछ कमी आने का अनुमान है.
Agriculture Sector: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से बुधवार को मौद्रिक समीक्षा (MPC) का ऐलान किया गया. आरबीआई गवर्नर शक्ति कांत दास (Shaktikanta Das) ने रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट का इजाफा करने की घोषणा की. इसके साथ ही यह बढ़कर 6.25 प्रतिशत पर पहुंच गया है. इसके अलावा मौजूदा वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 7 प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया गया है. साथ ही केंद्रीय बैंक ने महंगाई दर के घटकर 6 प्रतिशत से नीचे आने की संभावना जताई है.
खरीफ उत्पादन में कमी आने का अनुमान
एमपीसी का ऐलान करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि देश का एग्रीकल्चर सेक्टर 'मजबूत' बना हुआ है. रबी की फसल की बुवाई की शुरुआत भी अच्छी रही है. उन्होंने कहा बारिश के असामान्य रहने से खरीफ उत्पादन में कुछ कमी आने का अनुमान है. पहले जताई गई उम्मीद के आधार पर देश का कुल खरीफ उत्पादन 14.99 करोड़ टन रहने का अनुमान है. पिछले साल खरीफ फसल वर्ष में उत्पादन 15.60 करोड़ टन रहा था.
सामान्य से 6.8 प्रतिशत ज्यादा रही बुवाई
आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि कृषि क्षेत्र की मजबूती बरकरार है. उन्होंने कहा, रबी बुवाई की शुरुआत अच्छी रही है. 2 दिसंबर, 2022 तक बुवाई सामान्य से 6.8 प्रतिशत ज्यादा रही है. इस आंकड़े के सामने आने के बाद कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों को खुशी होगी. कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, सर्दियों में गेहूं की बुवाई 5.36 प्रतिशत बढ़कर 211.62 लाख हेक्टेयर पहुंच गई है.
उत्तर भारत के प्रमुख उत्पादक राज्यों राजस्थान, बिहार और उत्तर प्रदेश में रबी की बुवाई का रकबा बढ़ा है. रबी की मुख्य फसल गेहूं की बुवाई अक्टूबर में शुरू होती है और कटाई मार्च-अप्रैल में होती है. रबी में धान और दलहन जैसे चना और उड़द के अलावा मूंगफली व सरसों की बुवाई की जाती है. इंडियन इकोनॉमी के बारे में दास ने कहा कि रबी की बुवाई में अच्छी प्रगति, सतत शहरी मांग, ग्रामीण मांग में सुधार, विनिर्माण में तेजी, सेवा क्षेत्र के पुनरुद्धार तथा ऋण की मांग बढ़ने जैसे कारकों से परिदृश्य को समर्थन मिल रहा है. (इनपुट PTI)
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