मुंबई : इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने कालेधन के खिलाफ तुरंत कदम उठाए जाने का आग्रह करते हुए कहा है कि कालेधन में भू-संपत्ति कारोबार सबसे अधिक योगदान है।


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वित्त मंत्री अरुण जेटली को भेजे जाने के लिए तैयार ज्ञापन में आईसीएआई ने रीयल एस्टेट क्षेत्र में कारोबारी व्यवहार में सुधार लाने के वास्ते कदम उठाये जाने का सुझाव दिया है ताकि इस क्षेत्र में कालेधन के प्रवाह पर नजर रखी जा सके।


ज्ञापन में कहा गया है, आज सबसे ज्यादा कालाधन रीयल एस्टेट क्षेत्र में लग रहा है। इस क्षेत्र को केवल नियमों और दिशानिर्देशों से ही संचालित नहीं किया जा सकता बल्कि इस क्षेत्र में मांग और आपूर्ति के असंतुलन को देखा जाना चाहिए। यहां अंतिम उपभोक्ता की समस्याओं को देखा जाना चाहिये।


आईसीएआई सेंट्रल काउंसिल सदस्य तरण घिया ने कहा, रीयल एस्टेट क्षेत्र में एक बार उचित प्रतिस्पर्धा कायम हो जाये और मांग की तुलना में आपूर्ति अधिक होने लगेगी तो कीमतें अपने आप नीचे आने लगेंगी और बिल्डर और डेवलपर्स अपना व्यवहार सुधारेंगे। घिया ने यहां आईसीएआई की पश्चिम भारत क्षेत्रीय परिषद की 29वें सम्मेलन में अलग से बातचीत में यह जानकारी दी।