RBI Repo Rate: र‍िजर्व बैंक ऑफ इंड‍िया (RBI) की तीन द‍िन से चल आ रही द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा का आज समापन हो गया. आरबीआई ने एक बार फ‍िर से रेपो रेट में बदलाव नहीं क‍िया है. यह लगातार नौंवा मौका है जब रेपो रेट को 6.5 प्रत‍िशत के स्‍तर पर ही बरकरार रखा गया है. आरबीआई (RBI) चीफ शक्‍त‍िकांत दास ने एमपीसी में ल‍िये गए फैसलों के बारे में जानकारी दी. उन्‍होंने बताया क‍ि एमपीसी मीट‍िंग में रेपो रेट में क‍िसी तरह का बदलाव नहीं करने का फैसला क‍िया गया. केंद्रीय बैंक ने आख‍िरी बार फरवरी, 2023 में रेपो रेट बढ़ाकर 6.5 प्रत‍िशत क‍िया था. उसके बाद से यह इसी स्‍तर पर कायम है.


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सस्‍ते लोन का इंतजार करने वालों को झटका


सस्‍ते होम लोन, पर्सनल लोन या फ‍िर कार लोन का इंतजार करने वालों को आरबीआई की तरफ से ल‍िये गए फैसले से झटका लगा है. महंगाई से जुड़ी चिंता और आर्थिक वृद्धि की मजबूत रफ्तार को देखते हुए इस बार ब्याज दर में बदलाव की उम्‍मीद कम ही थी. गोल्डमैन सैक्‍स ने पहले ही रेपो रेट के पुराने स्‍तर पर कायम रहने की संभावना जताई थी. महंगाई दर का आंकड़ा 5 प्रत‍िशत के पर चल रहा है. महंगाई दर नीचे आती है तो केंद्रीय बैंक को रेपो रेट घटाने में आसानी होगी.



द‍िसंबर में आ सकती है ग‍िरावट
बार्कलेज की रीजनल इकोनॉम‍िस्‍ट श्रेया सोधानी ने कहा ‘हम दिसंबर की एमपीसी बैठक में रेपो रेट में कटौती के अपने पूर्वानुमान पर कायम हैं. हालांकि, महंगाई आरबीआई की अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रहती है तो इसमें देरी भी हो सकती है.’ स‍िग्‍नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के फाउंडर और चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि आरबीआई लगातार नौंवी बार ब्याज दर को स्थिर रखने का फैसला कर सकता है.


साल में 6 बार होती है मीटिंग
केंद्रीय बैंक की तरफ से हर साल 6 बार मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग होती है. वित्त वर्ष 2024-25 की यह दूसरी एमपीसी की मीटिंग हुई. इस मीटिंग में रिजर्व बैंक की तरफ से महंगाई दर को ध्‍यान में रखकर रेपो रेट की समीक्षा की जाती है. इस पर क‍िसी भी प्रकार का फैसला लेने से पहले आरबीआई डिमांड, सप्लाई, इंफ्लेशन और क्रेडिट जैसी कई फैक्टर्स को ध्यान में रखता है.


आप पर क्‍या होता है असर?
आरबीआई की तरफ से रेपो रेट घटाने या बढ़ने का असर बैंकों की तरफ से द‍िये जाने वाले लोन की ब्याज दर पर पड़ता है. रेपो रेट बढ़ने के बाद बैंकों की तरफ से होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन समेत सभी प्रकार के लोन को महंगा कर द‍िया जाता है. आसान शब्‍दों में कहें तो बैंक ब्‍याज दर बढ़ा देते हैं. लेक‍िन यद‍ि आरबीआई रेपो रेट में कटौती करता है तो इससे लोन की ब्‍याज दर कम होती है.


क्‍या होता है रेपो रेट?
जिस रेट पर आरबीआई की तरफ से बैंकों को लोन द‍िया जाता है, उसे रेपो रेट कहते हैं. रेपो रेट बढ़ने का मतलब है क‍ि बैंकों को आरबीआई से महंगे रेट पर लोन मिलेगा. इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन आद‍ि की ब्‍याज दर बढ़ जाएगी, ज‍िसका आपकी ईएमआई पर सीधा असर पड़ेगा.