India's retail inflation: महंगाई की मार झेल रही आम जनता को बड़ी राहत मिली है. खाने-पीने की वस्तुओं की कीमतों में नरमी की वजह से खुदरा महंगाई दर जुलाई में घटकर 3.54 प्रतिशत आ गई है. पिछले पांच साल में यह पहला मौका है जब महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक के चार प्रतिशत के लक्ष्य से नीचे आई है.


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सोमवार को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति इस साल जून में 5.08 प्रतिशत थी. जबकि पिछले साल जुलाई में यह 7.44 प्रतिशत थी.


दलहन की महंगाई दर अभी भी डबल डिजिट में


एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की महंगाई जुलाई में 5.42 प्रतिशत रही. जबकि जून में यह 9.36 प्रतिशत थी. इससे पहले सितंबर 2019 में खुदरा महंगाई दर चार प्रतिशत के नीचे रही थी. सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा महंगाई को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत रखने की जिम्मेदारी दी हुई है.


हालांकि, खाने-पीने की कीमतों में 2.8 प्रतिशत की वृद्धि होने की वजह से धीरे-धीरे ही सही लोगों की थाली की कीमतों में 1.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. दलहन की महंगाई दर अभी भी डबल डिजिट के पार है. वहीं, अनाज की कीमतें भी जुलाई में पिछले वर्ष की तुलना में 8.14 प्रतिशत बढ़ी है. 


अर्थशास्त्रियों का कहना है कि जुलाई-सितंबर 2024 के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के 4.4 प्रतिशत महंगाई दर की पूर्वानुमान की तुलना में तेज गिरावट आने की संभावना है.