E-Commerce Policy: अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां पर FDI नीति का उल्लंघन करने का आरोप, ये लोग हो रहे प्रभावित
Shopping Tips: इन दिनों ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज काफी बढ़ा हुआ दिखाई दे रहा है. लोग घर बैठे ही सामान मंगवाने को लेकर काफी राहत महसूस करते हैं. हालांकि अब ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट को लेकर सवाल उठाय गया है और कई आरोप भी लगाए गए हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में...
Online Shop: व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने ई-कॉमर्स नीति और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत नियमों को लागू करने में अत्यधिक देरी को लेकर निराशा व्यक्त की है. कैट ने इस बारे में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को पत्र भी लिखा है. कैट ने पत्र में कहा, ‘‘नीति एवं नियमों का अभाव देश के खुदरा व्यापार के लिए धीमे जहर की तरह काम कर रहा है, क्योंकि इस स्थिति का फायदा उठाकर अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों को अपनी मनमानी करने का मौका मिल रहा है. इससे देश के छोटे व्यापारी सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं.’’
लिखा पत्र
कैट के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने गोयल को लिखे पत्र में कहा, ‘‘देश की अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र के लिए नीति और नियम बने हुए हैं, लेकिन ई-कॉमर्स और खुदरा व्यापार के लिए कोई नीति और नियम न होने से इस क्षेत्र में अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा है. इसी कारण देशभर में व्यापारी चाहते हुए भी ई-कॉमर्स व्यापार से नहीं जुड़ रहे हैं. ई-कॉमर्स में जिस प्रकार का व्यापारिक माहौल बना हुआ है, उससे व्यापारी विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों की मनमानी का मुकाबला नहीं कर पाएंगे.’’
हितधारकों के साथ व्यापक चर्चा
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, पीयूष गोयल के नेतृत्व में डीपीआईआईटी (उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग) और उपभोक्ता मंत्रालय दोनों ने ई-कॉमर्स नीति और नियमों पर सभी हितधारकों के साथ व्यापक चर्चा की है, जिसके चलते गत दो अगस्त को हितधारकों के साथ हुई अंतिम बैठक में इन्हें जल्द घोषित करने का आश्वासन दिया गया था.’’
स्थिति जस की तस
खंडेलवाल ने कहा, ‘‘किंतु दो महीने का समय बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस है और देशभर के व्यापारी नीति और नियमों की आस लगाए बैठे हैं. इस स्थिति का फायदा उठाकर अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियां खुलकर एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) नीति का उल्लंघन कर रही हैं और उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है. इससे मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, एफएमसीजी, किराना आदि व्यापार से जुड़े लोग सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं.’’ (इनपुट: भाषा)