Rupee All Time Low: ग्‍लोबल मार्केट में ग‍िरावट के रुख का असर मंगलवार को शेयर बाजार पर द‍िखाई द‍िया. इसका असर बाद में भारतीय मुद्रा रुपया (INR) पर भी द‍िखाई द‍िया और यह ग‍िरकर डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे न‍िचले स्‍तर 80.05 पर पहुंच गया. भारतीय मुद्रा का बुरा दौर चल रहा है, प‍िछले कुछ द‍िनों में यह तेजी से नीचे आया है. आरबीआई की तरफ से उठाए गए कदम के बार भी रुपया में सुधार नहीं देखा जा रहा.


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रुपया गिरने का कारण
अमेरिकी मुद्रा के मजबूत बने रहने और क्रूड ऑयल की कीमत में तेजी के बीच मंगलवार को रुपया शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले अब तक के निम्नतम स्तर पर आ गया. इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने का कारण अमेरिका में मंदी, फेड र‍िजर्व की बड़ी हुई दरें, रूस-यूक्रेन के बीच तनाव और तेल की कीमत बढ़ना कारण है.


156 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी
अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार (Interbank Forex Exchange Market) में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 80 के भाव पर खुला लेकिन थोड़ी ही देर में 80.05 के स्तर पर आ गया. यह पिछले बंद भाव की तुलना में 7 पैसे की कमजोरी दर्शाता है. सोमवार को रुपया पहली बार 80 का स्तर छूने के बाद 79.98 के भाव पर बंद हुआ था. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा गिरकर 105.90 डॉलर प्रति बैरल पर रहा. विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 156.08 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध खरीदारी की थी.


आप पर कैसे पड़ेगा असर?
रुपये के सबसे न‍िचले स्‍तर पर जाने का सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा. भारतीय मुद्रा में गिरावट का सबसे ज्यादा असर आयात पर दिखेगा. भारत में आयात होने वाली चीजों के दाम में बढ़ोतरी होगी. देश में 80 प्रत‍िशत कच्चा तेल आयात होता है, यानी इससे भारत को कच्चे तेल के लिए आधिक कीमत चुकानी पड़ेगी और विदेशी मुद्रा ज्यादा खर्च होगी. ऐसे में तेल की कीमतें और बढ़ सकती हैं.


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