Hindenburg Research report: Hindenburg Research द्वारा सेबी चीफ पर लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद माधवी पुरी बुच की इस्तीफे की मांग शुरू हो गई है. मशहूर बिजनेस और टेक विश्लेषक और अर्थशास्त्री डैनियल गेलट्रूड ने कहा है कि ऑफशोर फंडों से जुड़ा भ्रष्टाचार विदेशी इनफ्लो को खत्म कर सकता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर आरोप लगाया है कि अडानी समूह ग्रुप द्वारा इस्तेमाल किए गए ऑफशोर फंडों में उनका भी निवेश था.


SEBI चीफ को इस्तीफा देना चाहिए: डैनियल गेलट्रूड


डैनियल गेलट्रूड ने आगे कहा, "सेबी चेयरपर्सन को इस्तीफा दे देना चाहिए. मुझे लगता है कि यहां एक वास्तविक चिंता है क्योंकि अगर सेबी चीफ का संबंध इस केस से जुड़ा है तो यह भारत में विदेशी निवेशकों के विश्वास को नष्ट कर देगा. अगर सेबी चीफ से जुड़े किसी घोटले की बात हो रही है तो लोगों को संदेह होगा. ऐसे में हमें इस स्थिति को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए.


इसके अलावा दिग्गज निवेशक मार्क फेबर ने भी कहा है कि अगर सेबी चीफ पर लगे आरोप सही हैं तो इसमें लिप्त सभी लोगों को इस्तीफ दे देना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि भारत के सेबी और अमेरिका के SEC की शुरुआत छोटे निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए की गई थी, लेकिन वह बड़े बिजनेस को बचाने में लगे हुए हैं.'


बुच दंपति ने आरोपों को खारिज किया


EBI चीफ और उनके पति ने संयुक्त बयान जारी कर हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह से बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा है कि रिपोर्ट में लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार और बेबुनियाद है. इनमें तनिक भी सच्चाई नहीं है. हमारा जीवन और फाइनेंस एक खुली किताब की तरह है. सभी जरूरी जानकारी पहले ही सेबी को दिये जा चुके हैं. हमें किसी भी वित्तीय दस्तावेजों का खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है.