ICICI Securities Delisting: शेयर मार्केट को रेग्‍युलेट करने वाली संस्था सेबी (SEBI) ने देश के दूसरे सबसे बड़े आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) को चेतावनी जारी की है. यह चेतावनी बैंक इसलिए दी गई क्योंकि बैंक ने आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज (ICICI Securities) के शेयरों को डीलिस्ट कराने के लिए शेयरहोल्‍डर को वोट देने के लिए दबाव बनाने की कोशिश की थी. स्‍टॉक डीलिस्ट कराने से तात्‍पर्य यह शेयरों को बाजार से हटाने से है.


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शेयरहोल्‍डर्स से वोट देने का स्क्रीनशॉट मांगा गया


सेबी को कई शेयरहोल्‍डर्स की तरफ से शिकायत मिली कि बैंक के अधिकारियों ने उन्हें फोन करके या मैसेज के जर‍िये वोट देने के लिए दबाव डाला. साथ ही यह भी कहा गया क‍ि उन्‍होंने अपना वोट किस तरह दिया है, इसका स्क्रीनशॉट भी शेयर करें. मार्च के अंत में आईसीआईसी सिक्योरिटीज को अपने शेयरों को डीलिस्ट कराने के लिए जरूरी वोट मिल गए थे. लेकिन, सेबी ने इस पर आपत्ति जताई कि बैंक के अधिकारियों ने शेयरहोल्‍डर्स से वोट देने का स्क्रीनशॉट मांगा.


डीलिस्टिंग के खिलाफ चलाया गया था अभ‍ियान
इस पूरे मामले में आईसीआईसी बैंक ने कहा क‍ि उन्‍होंने ज्यादा से ज्यादा शेयरहोल्‍डर को वोटिंग में शामिल करने के लिए खास तरह से प्रोग्राम चलाया था. सेबी के कहने पर ब्रोकरेज ने बैंक के साथ शेयरहोल्‍डर का डाटा शेयर क‍िया था. इस पर बैंक ने कहा क‍ि उन्होंने सोशल मीडिया पर आईसीआईसी सिक्योरिटीज के कुछ शेयरहोल्‍डर की तरफ से डीलिस्टिंग के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का सामना करने के लिए ऐसा क‍िया था.


दूसरी तरफ से सेबी ने इस पूरे मामले पर कहा क‍ि इस मामले में बैंक के ह‍ितों का टकराव था, क्योंकि बैंक आईसीआईसी सिक्योरिटीज में 74% से ज्यादा शेयरों का मालिक है और इस लेन-देन में उसका सीधा फायदा है. इस वजह से सेबी ने बैंक की तरफ से क‍िये जा रहे काम को गलत माना है. सेबी ने इसे गंभीरता से लेते हुए बैंक को चेतावनी जारी की है. साथ ही कहा क‍ि आगे ऐसा ब‍िल्‍कुल नहीं करें और नियमों का पालन करने में सावधानी बरतें ताकि ऐसी गलतियां दोबारा न हों. ऐसा नहीं करने पर बैंक के ख‍िलाफ सख्‍त कार्रवाई की जा सकती है.