Gold Reserve of RBI: र‍िजर्व बैंक ऑफ इंड‍िया (RBI) के गवर्नर शक्‍त‍िकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक ब्रिटेन से 100 टन सोना भारत लेकर लाया है, क्योंकि देश में पर्याप्त स्‍टोरेज कैपेस‍िटी है. इसका कोई और मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए. आरबीआई (RBI) ने फाइनेंश‍ियल ईयर 2023-24 में ब्रिटेन में रखे अपने 100 टन सोने को घरेलू तिजोरियों में ट्रांसफर कर दिया है. यह 1991 के बाद सोने का सबसे बड़ा ट्रांसफर है. साल 1991 में विदेशी मुद्रा संकट से निपटने के लिए सोने के बड़े हिस्से को गिरवी रखने के लिए तिजोरियों से बाहर निकाला गया था.


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बाहर रखे सोने को देश में लाकर रखा जा रहा


दास ने कहा कि विदेशों में रखे गए सोने की मात्रा लंबे समय से स्थिर थी. उन्होंने कहा, ‘हाल के सालों में आंकड़े बताते हैं कि रिजर्व बैंक अपने भंडार के हिस्से के रूप में सोना खरीद रहा है और इसकी मात्रा बढ़ रही है. हमारे पास घरेलू (भंडारण) क्षमता है.’ गवर्नर ने कहा कि इसलिए यह फैसला लिया गया कि भारत के बाहर रखे सोने को लाकर देश में उसको रखा जाए. उन्होंने कहा, ‘बस इतना ही. इसके और कोई मायने नहीं निकाले जाने चाहिए.’


कुल मात्रा बढ़कर 408 टन से ज्‍यादा हो गई
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, फाइनेंश‍ियल ईयर 2023-24 में देश के कुल सोने के भंडार में 27.46 टन का इजाफा हुआ और यह बढ़कर 822 टन हो गया. सूत्रों ने बताया कि सोने का एक बड़ा हिस्सा विदेश में जमा है. अन्य देशों की तरह भारत का सोना भी बैंक ऑफ इंग्लैंड के पास जमा है. भारत में 100 टन सोना वापस आने से स्थानीय स्तर पर भंडार में पड़े सोने की कुल मात्रा बढ़कर 408 टन से ज्‍यादा हो गई है.


स्थानीय स्तर पर 308 टन से ज्‍यादा सोना रखा गया
उन्‍होंने बताया इसका सीधा सा मतलब यह है क‍ि स्थानीय और विदेशी होल्डिंग अब करीब-करीब बराबर है. केंद्रीय बैंक की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 में जारी किए गए नोटों के बदले स्थानीय स्तर पर 308 टन से अधिक सोना रखा गया है. इसके अलावा 100.28 टन सोना स्थानीय स्तर पर बैंकिंग विभाग की संपत्ति के रूप में रखा गया है. सोने के कुल भंडार में से 413.79 टन सोना विदेशों में है.