Radhika Gupta Success Story: कई बार लोगों की शारीरिक बनावट से उसको जज किया जाने लगता है... उस इंसान का मजाक उड़ाया जाता है, लेकिन इंडिया में ऐसे लोगों ने अपनी कामयाबी से मुंहतोड़ जवाब दिया है. कुछ ऐसा ही सीन इस बार के शार्क टैंक सीजन-3 में देखने को मिला है. एडलवाइज एमएफ की सीईओ राधिका गुप्‍ता (Edelweiss MF CEO Radhika Gupta) को भी अपनी टेढ़ी गर्दन की वजह से कई तरह के रिजेक्शन और मजाक का सामना करना पड़ा है, लेकिन आज इनकी पहचान किसीकी मोहताज नहीं है. 


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आज हम आपको राधिका गुप्ता के संघर्ष और नई पहचान की कहानी बताएंगे...


राधिका गुप्ता के पिता एक राजनायिक थे, जिस वजह से उनकी परवरिश कई देशों में हुई है. खासकर उनकी पढ़ाई इंडिया, पाकिस्तान, अमेरिका और नाइजीरिया में हुई. नाइजीरिया में पढ़ते टाइम पर उनको काफी बुली किया जाता रहा था. उनकी टेढ़ी गर्दन का मजाक उड़ाया जाता था. इसके अलावा उनके भारतीय होने का भी मजाक बनाया जाता था. 


7 बार रिजेक्शन


पढ़ाई के बाद में जब वह इंटरव्यू देने के लिए पहुंची तो वहां भी उनको लगातार 7 बार रिजेक्शन का सामना करना पड़ा. इतना सब होने के बाद में राधिका का आत्मविश्वास टूटने लगा और उन्होंने आत्महत्या करने का सोचा, लेकिन उनके दोस्तों ने इससे उनको बचा लिया. राधिका 22 साल की उम्र में डिप्रेशन का भी शिकार हो गईं थीं.


मैकेंजी में की पहली नौकरी


इन सभी कठिन दिनों के बाद में राधिका के भी अच्छे दिन आए और उनकी पहली नौकरी मैकेंजी में लग गई. इसके बाद में तो मानों उनकी खुशी का ठिकान नहीं था. इसके बाद में उनका आत्मविश्वास लौटने लगा. कई बड़ी कंपनियों में नौकरी करने का बाद में उन्होंने अपने पति और दोस्त के साथ में मिलकर एसेट मैनेजमेंट फर्म शुरू करने का फैसला किया. 


33 की उम्र में बनीं  यंगेस्ट सीईओ


अपनी कंपनी शुरू करने के बाद में एडलवाइस एमएफ ने उनकी कंपनी का अधिग्रहण कर लिया. एडलवाइज ने सीईओ के तौर पर राधिका को चुना और सिर्फ 33 साल की उम्र में राधिका यंगेस्ट सीईओ बन गई हैं. ईटी मनी की रिपोर्ट के अनुसार, 31 दिसंबर, 2023 तक उनकी फर्म की कुल संपत्ति 121399.04 करोड़ रुपये थी.