India growth Rating: कोराना महामारी के बाद जहां दुनिया की बड़ी-बड़ी अर्थव्यवस्था हिल गई, उनके आर्थिक ग्रोथ में सुस्ती आ गई, वहीं भारत ने अपनी प्रगति की रफ्तार को पकड़कर रखा. ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने भारतीय अर्थव्यवस्था के ग्रोथ का अनुमान लगाया है. ग्लोबल रेटिंग एजेंसी की माने तो आने वाले सालों में भारत के ग्रोथ की रफ्तार कुछ धीमी पड़ सकती है, लेकिन इसके बावजूद भी यह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्‍यवस्‍था होगी.  


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भारत के ग्रोथ की रफ्तार 


एसएंडपी ग्‍लोबल रेटिंग एजेंसी ने  कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के मार्च 2027 तक सालाना 6.5-7 प्रतिशत के बीच बढ़ने का अनुमान है. एसएंडपी ने 2026-27 तक भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 6.5-7 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि का अनुमान लगाया है.  बुनियादी ढांचे पर खर्च और निजी खपत से वृद्धि को गति मिलना इसकी मुख्य वजह रहेगी. अपनी वैश्विक बैंक परिदृश्य रिपोर्ट में एसएंडपी ने कहा कि अच्छी आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्ता को समर्थन देना जारी रखेंगी, जबकि स्वस्थ कॉर्पोरेट बही-खाते, सख्त ‘अंडरराइटिंग’ मानक और बेहतर जोखिम प्रबंधन प्रथाएं परिसंपत्ति गुणवत्ता को और स्थिर करेंगी. 


एसएंडपी ने कहा, कि भारत का बुनियादी ढांचा व्यय और निजी खपत मजबूत आर्थिक वृद्धि को समर्थन देगा. हमारा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025-2027  में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में सालाना 6.5-7.0 प्रतिशत की वृद्धि होगी. भारत की अच्छी आर्थिक वृद्धि संभावनाएं बैंकों की परिसंपत्ति गुणवत्ता का समर्थन करना जारी रखेंगी. भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आर्थिक वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जो 2023-24 के 8.2 प्रतिशत से कम है. इनपुट-भाषा