Noida Start-up Jobs: एक शख्स ने हाल ही में नोएडा के एक डिजिटल मार्केटिंग स्टार्टअप को ज्वॉइन करने और उसे छोड़ने को लेकर अपना अनुभव शेयर किया है. जिसके बाद Indian Workplace subreddit पर एक बार फिर वर्क लाइफ बैलेंस को लेकर चर्चा काफी तेज हो गई है. 


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लोगों ने सरकार से उन स्टार्टअप और कंपनियों पर कार्रवाई करने की मांग की है जहां अनएथिकल प्रैक्टिस को बढ़ावा दिया जाता है और टॉक्सिक वर्क लाइफ बनाकर कर्मचारियों के वेल-बीइंग के ऊपर कंपनी के लाभ को प्राथमिकता दी जाती है.  


क्या है मामला?


यूजर ने Reddit पर लिखा है, "उसने 7 अक्टूबर को बिजनेस डेवलपमेंट एग्जीक्यूटिव के पद पर एक स्टार्टअप को ज्वॉइन किया, लेकिन पहले ही दिन उसे 500 नंबरों पर कॉल करने का काम सौंप दिया गया. हालत बदतर तब हो गई जब मेरी शिफ्ट बिना किसी पूर्व सूचना के इविनिंग में 2 बजे से रात 11 बजे तक और फिर देर रात की शिफ्ट शाम 7 बजे से सुबह 4 बजे तक की लगा दी गई."


इससे फ्रस्टेट होकर मैंने अगले दिन HR को कॉल करके नौकरी छोड़ने का फैसला किया. उसने आगे कहा कि मुझे नौकरी छोड़ने का अफसोस है क्योंकि मैं कॉर्पोरेट का एक्सपोजर चाहता था. हालांकि, मैं सेक्टर में पहले से फ्रीलांसिंग कर रहा था लेकिन अब मैं स्थिरता चाहता था. 


समझो भगवान के मन का हो रहा है: यूजर


शख्स ने आगे लिखा कि मैंने फ्रीलांसिंग के लिए अपने स्किल्स को बढ़ाने पर और काम करना शुरू कर दिया. अब मैं उस स्टार्टअप की सैलरी से दोगुना कमा लेता हूं. हालांकि, मेरा पीजी का किराया बर्बाद हो गया क्योंकि मैं केवल 5 दिनों के लिए वहां रहता था और ट्रैवल एवं शिफ्टिंग के भी खर्चे थे. लेकिन मैं अभी भी भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं कि मैं बच गया और इसी बहाने मुझे अपने ऊपर और काम करने का मौका मिला.  उसने आगे लिखा कि जब आपके मन का ना हो तो समझो भगवान के मन का हो रहा है.


लोगों ने की कार्रवाई की मांग


इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कई यूजर्स सरकार से इन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा है, "हमें वास्तव में सख्त श्रम कानूनों (लेबर लॉ) की जरूरत है. इन कंपनियों को निर्दोष लोगों का शोषण करने के लिए दंडित किया जाना चाहिए.


वहीं, एक अन्य यूजर ने टॉक्सिक वर्क कल्चर में नौकरी नहीं करने के लिए शख्स की सराहना की. एक ने लिखा कि अच्छा हुआ कि आपने वह नौकरी छोड़ दी. कभी-कभी ऐसे अनुभव सबक बन जाते हैं.