Stock Market Crash: शेयर बाजार में हाहाकार, 52 हफ्ते के निचले स्तर पर सेंसेक्स; 5 लाख करोड़ स्वाहा
Stock Market Close: फेडरल रिजर्व बैंक की तरफ से ब्याज दर में रिकॉर्ड बढ़ोतरी के बाद घरेलू शेयर बाजार में हाहाकार मच गया. बिकवाली के दबाव से सेंसेक्स गिरकर 52 हफ्ते के निचले स्तर पर पहुंच गया और यह 51,495.79 पर बंद हुआ.
Stock Market Close: अमेरिका के फेडरल रिजर्व बैंक की तरफ से ब्याज दर में रिकॉर्ड बढ़ोतरी और मंदी की आशंका के बीच शेयर बाजार में गुरुवार को हाहाकार मच गया. सुबह के सत्र में हरे निशान के साथ खुले शेयर बाजार में बाद में बिकवाली हावी रही और यह गिरकर 52 हफ्ते के निचले स्तर पर पहुंच गया. कारोबार की शुरुआत में 53 हजार से ऊपर खुला सेंसेक्स कारोबारी सत्र के अंत में 52 हजार से नीचे पहुंच गया.
3,824.49 अंक टूटा सेंसेक्स
कारोबारी सत्र के अंत में 30 अंक वाला सेंसेक्स 1045.60 अंक टूटकर 51,495.79 पर बंद हुआ. वहीं, 50 अंक वाला निफ्टी 331.55 प्वाइंट टूटकर 15,360.60 अंक के स्तर पर आ गया. शेयर बाजार की रिकार्ड गिरावट से निवेशकों के गुरुवार को 5 लाख करोड़ से भी ज्यादा डूब गए. पिछले पांच कारोबारी सत्र में सेंसेक्स में 3,824.49 अंक की गिरावट आ चुकी है.
HINDALCO में सबसे ज्यादा गिरावट
सेंसेक्स के 30 शेयर में से गुरुवार को सबसे ज्यादा 6.04 प्रतिशत गिरावट टाटा स्टील के शेयर में देखी गई. इसी तरह निफ्टी में HINDALCO का शेयर 6.74 प्रतिशत गिरकर 333.40 रुपये के स्तर पर आ गया. गुरुवार सुबह ग्लोबल मार्केट में सुधार का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखा गया. इसी का असर था कि शुरुआत में सेंसेक्स 53,018.91 के स्तर पर खुला. कारोबारी सत्र के दौरान यह 53,142.50 के हाई लेवल तक गया. लेकिन बाद में बिकवाली से एक हजार अंक से भी ज्यादा टूट गया.
डाओ में पिछले 5 दिन की गिरावट पर ब्रेक
इसी तरह 50 अंक वाला निफ्टी गुरुवार सुबह 140 अंक की तेजी के साथ 15,832.25 के स्तर पर खुला और इसे 15,863.15 का हाई टच किया. कारोबार सत्र के अंत में यह गिरकर 15,360.60 के स्तर पर बंद हुआ. अमेरिकी फेड पॉलिसी के बाद अमेरिकी बाजार के डाओ में पिछले 5 दिन की गिरावट पर ब्रेक लगा है. 825 प्वाइंट की रेंज में कारोबार करने के बीच डाओ 300 अंक ऊपर बंद हुआ. नैस्डेक में भी 2.5 प्रतिशत का उछाल आया.
अमेरिका में ब्याज दर बढ़कर 1.75 फीसदी हुई
इससे पहले फेडरल रिजर्व से जैसी उम्मीद की जा रही थी वैसा ही किया. बढ़ती मुद्रास्फीति से निपटने के खिलाफ फेड रिजर्व ने बड़ा फैसला लेते हुए करीब 28 वर्षों में सबसे आक्रामक तरीके से ब्याज दर में इजाफे की घोषणा की. फेडरल की तरफ से ब्याज दर में 0.75 प्रतिशत की वृद्धि की गई. इसके साथ ही अमेरिका में ब्याज दरें बढ़कर 1.75 फीसदी हो गई हैं.
40 साल के टॉप लेवल पर पहुंची महंगाई
यूएस फेड ने महंगाई पर काबू के लिए 1994 के बाद पहली बार एक बार में इतनी बड़ी बढ़ोतरी की है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने इससे पहले नवंबर 1994 में ब्याज दर में इतनी बड़ी बढ़ोतरी की थी. मई महीने में अमेरिका की महंगाई दर 40 साल के टॉप लेवल पर दर्ज की गई थी.