Indian Jwellery Market: एक समय होता था जब आपके दादा-नाना या पापा गोल्‍ड या स‍िल्‍वर की ज्‍वैलरी खरीदने के ल‍िए क‍िसी पर‍िच‍ित की दुकान का रुख करते थे. लेक‍िन अब ऐसा नहीं है, अब लोग ज्‍वैलरी खरीदने के ल‍िए तन‍िष्‍क, पीसी ज्‍वैलर्स, कल्‍याण ज्‍वैलर्स आद‍ि जैसे बड़े-बड़े ब्रांड का रुख कर रहे हैं. इन ब्रांड्स में नया नाम ब‍िड़ला ग्रुप के 'इंद्रिय' का भी जुड़ गया है. आद‍ित्‍य ब‍िरला ग्रुप (Aditya Birla Group) ने ज्‍वैलरी ब्रांड 'इंद्रिय' (Indriya) को शुक्रवार को ही लॉन्‍च क‍िया है. पहले चार इंद्रिय स्टोर दिल्ली, जयपुर और इंदौर में शन‍िवार से ओपन भी हो रहे हैं.


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तन‍िष्‍क ब्रांड की शुरुआत 1994 में


परंपरागत ज्‍वैलर की पर‍िपाटी से अलग हटते हुए टाइटन कंपनी ने अपने तन‍िष्‍क ब्रांड की शुरुआत 1994 में की थी. टाटा ग्रुप की कंपनी टाइटन के तन‍िष्‍क शोरूम आज देश से लेकर व‍िदेश तक में हैं. यही हाल ब्रांडेड ज्‍वैलरी का कारोबार करने वाली अलग-अलग चेन का है. इसके बाद मुकेश अंबानी ने भी ज्‍वैलरी कारोबार में 2007 में कदम रखा और रिलायंस ज्वेल्स नाम से कारोबार शुरू क‍िया. यह भी आज बाजार का व‍िश्‍वसनीय ब्रांड बना हुआ है. धीरे-धीरे लोगों में ब्रांडेड ज्‍वैलरी का चलन बढ़ रहा है.


ब्रांडेड ज्‍वैलरी में अपार संभावनाएं
ब्रांडेड ज्‍वैलरी के बाजार में आने वाले समय में अपार संभावनाएं तलाशी जा रही हैं. यही कारण है क‍ि बड़ी-बड़ी कंपन‍ियां लगातार इस ओर रुख कर रही हैं. आद‍ित्‍य ब‍िरला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने इंद्रिय ब्रांड लॉन्च करते हुए भी इस तरफ इशारा क‍िया. इस दौरान उन्‍होंने कहा मेरा मानना है कि अगले पांच साल में कंज्‍यूर ब‍िजनेस का हिस्सा बढ़कर 25% से ज्यादा हो जाएगा. इस ब‍िजनेस से होने वाली आमदनी भी बढ़कर 25 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी. उन्‍होंने इस दौरान बताया क‍ि ब‍िड़ला ग्रुप इंद्र‍िय स्‍टोर पर 5000 करोड़ रुपये का न‍िवेश करने का प्‍लान कर रहा है.


क्‍यों बदल रहा बाजार का ट्रेंड
दुनियाभर की न‍िगाहें इस समय भारतीय ग्राहकों के बदलते ट्रेंड पर है. इंड‍ियन कस्‍टमर पहले की तुलना में काफी अलग हो गया है. वह ब्रांडेड चीजों की तरफ ज्‍यादा फोकस कर रहा है. इसका कारण सोने की ज्‍वैलरी में बढ़ती धोखाधड़ी को भी बताया जा रहा है. प‍िछले कुछ सालों से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं क‍ि सोने की ज्‍वैलरी को जो बताकर ग्राहक को बेचा गया, वो उससे अलग ही न‍िकली. ऐसे में कस्‍टमर इस तरह के ज्‍वैलरी शोरूम की तरफ रुख कर रहे हैं. यहां से गहने लेने पर ब्रांड वैल्‍यू का भरोसा और हॉलमार्क की गारंटी दोनों ही उन्‍हें म‍िल जाती है.


लगातार बढ़ रहा ज्‍वैलरी मार्केट
देश का म‍िड‍िल क्‍लॉस आज बड़े रिटेल स्टोर्स से ब्रांडेड ज्वेलरी खरीदना पसंद कर रहा है. इसी का नतीजा है क‍ि प‍िछले कुछ सालों में देश का ज्वेलरी मार्केट तेजी से आगे बढ़ा है. एक आंकड़े के अनुसार फाइनेंश‍ियल ईयर 2017-18 में देश का ज्वेलरी मार्केट 50 बिलियन डॉलर का हुआ करता था. साल 2023-24 में यह बढ़कर 80 बिलियन डॉलर (6400 अरब रुपये) पर पहुंच गया. साल 2027-28 तक देश के ज्वेलरी मार्केट का आकार बढ़कर 145 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है. ऐसे में अरबपत‍ि अपने ल‍िये इस बाजार में अच्‍छी संभावनाएं तलाश रहे हैं.


ब‍िड़ला ग्रुप की क्‍या है प्‍लान‍िंग
आद‍ित्‍य बिड़ला ग्रुप इंद्र‍िय के जर‍िये बाजार के टॉप 3 ज्‍वैलरी ब्रांड में पैठ बनाना चाहता है. कंपनी की तरफ से उम्मीद जताई गई क‍ि उसकी इस प्‍लान‍िंग में ब्रांड वैल्यू और रिटेल एक्‍सपीयर‍ियंस दोनों से फायदा म‍िलेगा. अगले छह महीने में 10 से ज्‍यादा शहरों में इंद्र‍िय स्‍टोर खोलने का ब‍िड़ला ग्रुप का प्‍लान है. आज देश और दुन‍िया में तन‍िष्‍क के 240 से अध‍िक शहरों में 410 र‍िटेल स्‍टोर हैं. 1994 में शुरुआत करने वाली टाइटन कंपनी लगातार अपने तन‍िष्‍क ब्रांड का व‍िस्‍तार कर रही है.