Tata Group में आएगी नौकरियों की बहार, इन कंपनियों में बनेंगे 5 लाख जॉब्स के मौके
Tata Group Plan For Jobs: टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि सेमीकंडक्टर में टाटा ग्रुप के निवेश, प्रीसीजन मैन्यूफैक्चरिंग, असेंबली, इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी और संबंधित उद्योगों में अगले पांच साल में पांच लाख नौकरियों के मौके बनने की उम्मीद है.
Job in Tata Group: अगर आप भी अगले कुछ साल में कॉलेज से पासआउट होने के बाद नौकरी तलाशने का प्लान कर रहे हैं तो यह खबर आपको खुश कर देगी. जी हां देश का सबसे बड़ा कारोबारी समूह टाटा ग्रुप अगले पांच साल में पांच लाख नौकरियों के मौके लाने वाला है. टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कहा कि उनका ग्रुप अगले पांच साल में सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी और इससे जुड़ी इंडस्ट्री में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में पांच लाख नौकरियों के मौके बनाएगा.
पांच साल में 5 लाख नौकरियों के मौके बनाने की उम्मीद
भारतीय गुणवत्ता प्रबंधन फाउंडेशन (IFQM) की तरफ से दिल्ली में आयोजित सेमिनार में टाटा संस के चेयरमैन ने कहा कि भारत विकास की नीति के बिना विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकता. उन्होंने कहा, ‘सेमीकंडक्टर में हमारे (टाटा ग्रुप के) निवेश, प्रीसीजन मैन्यूफैक्चरिंग, असेंबली, इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी और संबंधित उद्योगों में हमारे निवेश के बीच मुझे लगता है कि हम अगले पांच साल में पांच लाख विनिर्माण नौकरियों के मौके बनाएंगे.’
...विकसित भारत के लक्ष्यों को हासिल नहीं कर सकते
असम में ग्रुप के आगामी सेमीकंडक्टर प्लांट और इलेक्ट्रिक व्हीकल व बैटरी के लिए अन्य नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘हम कई संयंत्र स्थापित कर रहे हैं.’ उन्होंने इन पहलों में सरकार के समर्थन की सराहना की और विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन की जरूरत पर जोर दिया. चंद्रशेखरन ने कहा, ‘यदि हम विनिर्माण मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार सृजन नहीं कर सकते तो हम विकसित भारत के लक्ष्यों को हासिल नहीं कर सकते, क्योंकि हम सभी जानते हैं कि हर महीने 10 लाख लोग कार्यबल में आ रहे हैं.’
चंद्रशेखरन ने कहा, ‘हमें 10 लाख नौकरियां सृजित करने की जरूरत है.’ उन्होंने सेमीकंडक्टर जैसे नए युग के विनिर्माण के महत्व पर जोर दिया जो हर रोजगार के लिए आठ से दस अप्रत्यक्ष नौकरियों उत्पन्न करता है. चंद्रशेखरन के अनुसार, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में नौकरियां बनाने के लिए कम से कम 500 से 1,000 छोटे और मीडियम साइज की कंपनियों की शुरुआत करने की जरूरत है.