नई दिल्ली: NPS में निवेश कर आप 50,000 रुपये की अतिरिक्त छूट पा सकते हैं. सरकार Section 80CCD (1B) के तहत NPS में निवेश को बढ़ावा देने के लिए 50,000 रुपये की अतिरिक्त छूट देती है, जो कि सेक्शन 80CCE के तहत मिलने वाली 1.5 लाख रुपये की छूट के अलावा होती है. यानी ऐसे में आप कुल 2 लाख रुपये के निवेश पर टैक्स छूट पा सकते हैं. 


टैक्स बचाने के जबरदस्त उपाय


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दरअसल, इनकम टैक्‍स बचाने के लिए लोग तमाम विकल्‍पों का सहारा लेते हैं. महंगाई के दौर आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत 1.50 लाख रुपये की सीमा चुटकियों में पार कर जाती है. धारा 80सी के तहत आपके तमाम खर्च आते हैं उदाहरण के तौर पर बच्‍चों की पढ़ाई की फीस (जिसमें साल दर साल इजाफा ही होता है), होम लोन की ईएमआई (मूलधन का हिस्‍सा), लाइफ इंश्‍योरेंस का प्रीमियम आदि.


टैक्स सेविंग विकल्पों की बात करें तो इसमें PPF, नेशनल पेंशन सिस्‍टम (NPS), ELSS, पेंशन योजनाएं शामिल है. नौकरीपेशा लोगों के लिए उनका एंप्‍लॉयी प्रोविडेंट फंड यानी पीएफ भी इसी श्रेणी में आता है. सवाल है कि 80सी से ज्‍यादा टैक्‍स कैसे बचाएं. आइए, जानते हैं कि कैसे आप टैक्स बचा सकते हैं. 


ये भी पढ़ें- केंद्रीय कर्मचारियों की होली का मजा होगा दोगुना, 18 महीने के DA एरियर पर सबसे बड़ा अपडेट


धारा 80CCD (1B) का उठाइए लाभ


नेशनल पेंशन सिस्‍टम यानी NPS में आपको इनकम टैक्‍स के मामले में अतिरिक्‍त 50,000 रुपये का लाभ उठाने का लाभ मिलता है. अगर धारा 80सी के तहत किसी करदाता का निवेश पूरा हो चुका हो तो वह NPS में निवेश कर 50,000 रुपये का लाभ इनकम टैक्‍स में उठा सकता है. NPS के टियर 1 खाते में निवेश के अलावा कोई करदाता यदि 1.5 लाख रुपये का निवेश पहले कर चुका है तो वह इसका लाभ उठा सकता है. यानी आपके लिए एनपीएस टैक्स सेविंग का बढ़िया जरिया बन सकता है.


कैसे मिलेगा 50,000 रुपये का फायदा


अगर किसी व्‍यक्ति ने धारा 80सी के तहत 1.50 लाख रुपये का निवेश पूरा कर लिया हो लेकिन इसके बाद भी व‍ह टैक्‍स में और बचत करना चाहता है तो उसे NPS का टियर 1 अकाउंट खुलवाना होगा. इनकम टैक्‍स में लाभ पाने के लिए  एक वित्‍त वर्ष में वह अपने इस खाते में अधिकतम 50,000 रुपये का निवेश कर सकता है. ध्यान रहे कि इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइल करते समय 50,000 रुपये के इस निवेश को 80CCD (1B) के तहत क्‍लेम करना होगा. इस प्रकार, कोई भी करदाता 1.50 लाख रुपये की जगह 2 लाख रुपये तक के डिडक्‍शन का लाभ प्राप्‍त कर सकता है.


बिजनेस से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें