Tesla Car in India: टेस्ला कारों की इंतजार कर रहे भारतीयों के लिए खुशखबरी है. जल्द ही टेस्ला की ईवी कारों के लिए उनका इंतजार खत्म होने वाला है. भारत में टेस्ला कारों की एंट्री होने वाली है. टेस्ला के मुखिया एलन मस्क इसी महीने भारत आ रहे हैं. माना जा रहा है कि वो प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे. इस मीटिंग में भारत में निवेश और टेस्ला की नई फैक्ट्रियों को लेकर बातचीत हो सकती है. जिसके बाद वो टेस्ला कारों की भारत में एंट्री को लेकर बड़ा ऐलान करेंगे. 


भारत आ रहे हैं एलन मस्क  


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रॉयटर्स के मुताबिक 22 अप्रैल को एलन मस्क भारत दौरे पर आ रहे हैं. ये मस्क का पहला भारत दौरा होगा. नई दिल्ली में वो प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे. इस मीटिंग में वो भारत में अपने इंवेस्टमेंट और अपनी इलेक्ट्रिक कार प्लांट को लेकर अपनी योजना पर बात करेंगे. माना जा रहा है कि इसके बाद मस्क टेस्ला को भारत में लॉन्च करने को लेकर बड़ा ऐलान कर सकते हैं.  


लंबे इंतजार के बाद भारत में चमकेंगी टेस्ला की कार 


एलन मस्क भारत में टेस्ला कारों को लॉन्च करने के लिए लंबे वक्त से इंतजार कर रहे हैं. हालांकि उनकी शर्तों को भारत ने मानने से इनकार कर दिया था. मस्क बनी बनाई कारों को भारत में बेचना चाहते हैं, बदले में उन्हें सब्सिडी भी चाहिए. भारत ने मस्क की इन शर्तों से साफ तौर पर इनकार कर दिया.  इसके बाद से कई बात टेस्ला और भारत सरकार के बीच बैठकें हुई, अब जाकर इसका इंतजार खत्म होने वाला है. टेस्ला के ऑफिसर इसी महीने भारत दौरे पर आएंगे. वो फैक्ट्री के लिए सही जगह की तलाश में है. माना जा रहा महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना जैसे राज्यों में वो जगह तलाश रही है. मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने के लिए वो भारत में 2 अरब डॉलर का निवेश करेगी. मस्क ने पिछले साल जून के महीने में न्यूयार्क में पीएम मोदी के साथ मुलाकात की थी.


 इंपोर्ट ड्यूटी कम करने की मांग 


टेस्ला कारों के लिए मस्क इंपोर्ट ड्यूटी में रियायत की मांग करते रहे हैं. हलांकि वो जिन शर्तों पर छूट की मांग कर रहे हैं, उससे सरकार पहले ही इनकर कर चुकी है. भारत सरकार ने हाल ही में नई EV पॉलिसी पेश की है. नई ईवी पॉलिसी में 15 से 100 फीसदी तक का इम्पोर्ट टैक्स कम किया है. नई पॉलिसी के मुताबिक देश में न्यूनतम 50 करोड़ डॉलर के निवेश के साथ फैक्ट्री स्थापित करने वाली कंपनियों को इंपोर्ट टैक्स में रियायतें दी जाएंगी. सरकार नई ईवी पॉलिसी के तहत अत्याधुनिक तकनीक से लैस ईवी कंपनियों को भारत की ओर आकर्षित करना चाहती है.