Toll Tax News: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) की तरफ से देशभर में टोल टैक्स (Tol Tax) को लेकर कई तरह के बदलाव किए गए हैं. अब सरकार की तरफ से टोल टैक्स को लेकर एक और बड़ा प्लान बनाया जा रहा है, जिसके बाद में हाइवे पर चलने वालों की मौज होने वाली है. केंद्र सरकार (Central Government) जल्द ही बैरियर-रहित टोल संग्रह प्रणाली शुरू करने की योजना बना रही है. इसके लागू होने पर वाहन चालकों को टोल बूथ (toll booth) पर आधा मिनट के लिए भी खड़ा नहीं होना पड़ेगा.


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अभी चल रही है टेस्टिंग
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री वी के सिंह ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि बैरियर-रहित टोल संग्रह प्रणाली की इस समय पर टेस्टिंग चल रही है. उन्होंने कहा है कि टेस्टिंग सफल होते ही हम इसे जल्द लागू कर देंगे.


सफर के दौरान लगेगा कम समय
सिंह ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश में सड़कों पर तय की गई दूरी के आधार पर टोल भुगतान की व्यवस्था भी लागू की जाएगी. उन्होंने कहा कि टोल संग्रह की नई व्यवस्था लागू होने पर इसकी दक्षता बढ़ेगी और यात्रा के समय में भी कमी आएगी. उन्होंने कहा कि वाहनों में फास्टैग के इस्तेमाल से टोल बूथ पर लगने वाला समय घटकर 47 सेकंड रह गया है, लेकिन सरकार इसमें और भी कटौती करते हुए इसे 30 सेकंड से भी नीचे लाना चाहती है.


कैमरा आधारित टेक्नोलॉजी को किया जा रहा इस्तेमाल
इसके लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर पायलट (प्रायोगिक) परीक्षण जारी है जिसमें उपग्रह और कैमरा आधारित प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा रहा है. सिंह ने कहा है कि जब आप किसी राजमार्ग पर प्रवेश करते हैं और आपके वाहन पर लगी पंजीकरण संख्या को वहां लगा कैमरा स्कैन करता है तो उसके आधार पर यह पता लगाया जा सकता है कि टोल बूथ तक पहुंचने के लिए आपने कितने किलोमीटर लंबा सफर तय किया है. 


टोल के नियमों के आधार पर होगा पेमेंट
उन्होंने कहा है कि यह मौजूदा व्यवस्था से अलग है जिसमें इससे कोई लेना-देना नहीं होता है कि आपने राजमार्ग पर कितना किलोमीटर सफर तय किया है. यह भुगतान टोल के नियमों पर आधारित होता है.


केंद्रीय मंत्री ने दी ये जानकारी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार के दूरसंचार समेत तमाम क्षेत्रों में किए गए कार्यों की वजह से ही ऐसी प्रगति हो पा रही है. उन्होंने कहा कि दूरसंचार नेटवर्क में सुधार होने से टोल प्लाजा पर वाहनों के आंकड़े जुटाने में मदद मिल रही है.


इनपुट - भाषा एजेंसी