UPI Transaction Fees: प‍िछले कुछ सालों में यूपीआई (UPI) यूजर्स की संख्‍या तेजी से बढ़ी है. ब‍िना क‍िसी खड़पच के यूपीआई (UPI) के जर‍िये आसानी से और इंस्‍टेंट एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में पैसा ट्रांसफर क‍िया जा सकता है. इस यूपीआई का इस्‍तेमाल भारत के अलावा दुन‍ियाभर के सात देशों में क‍िया जा रहा है. बीच-बीच में कुछ मीड‍िया र‍िपोर्ट में दावा क‍िया जाता है क‍ि आने वाले समय में यूपीआई यूज करने पर चार्ज वसूला जाएगा. इसको लेकर क‍िये गए एक सर्वे से सामने आया है क‍ि भारत के यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) यूसर्ज से यद‍ि इसे इस्‍तेमाल करने के बदले पैसा ल‍िया जाता है तो अध‍िकांश यूजर इसको यूज करना बंद कर सकते हैं.


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10 में से 4 यूजर यूपीआई से पेमेंट कर रहे


लोकलसर्कल्स की तरफ से क‍िये गए सर्वे से सामने आया है क‍ि यदि ऐसी क‍िसी प्रकार की शुल्क ली जाती है तो 75 प्रतिशत यूजर्स UPI के साथ लंबे समय तक नहीं रहेंगे. UPI देश में कई लोगों के पेमेंट करने का खास तरीका बन गया है. सर्वे के अनुसार, 38 प्रतिशत लोगों ने कहा क‍ि वे अपने आधे से ज्‍यादा लेनदेन के लिए UPI यूज करते हैं. इसी तरह, 37 प्रतिशत ने कहा कि उनके पेमेंट के कुल मूल्य का आधा से ज्‍यादा यूपीआई के माध्यम से संचालित होता है. इससे यह साफ है क‍ि इस समय 10 में से 4 यूजर पेमेंट करने के लिये यूपीआई यूज करना पसंद कर रहे हैं.


22% लोग UPI ट्रांजेक्‍शन पर पैसा देने के लिए तैयार
यूज करने में आसान और सुरक्ष‍ित होने के कारण यूपीआई आज पेमेंट करने का प्रमुख जर‍िया बन गया है. सर्वे में शाम‍िल होने वाले यूजर्स का कहना है क‍ि यद‍ि यूपीआई (UPI) के ट्रांजेक्‍शन पर पैसे लेने शुरू कर द‍िये तो इससे बहुत परेशानी हो सकती है. सर्वे में सामने आया क‍ि सिर्फ 22% लोग UPI पर पैसा देने के लिए तैयार हैं. काफी लोगों को डर है कि अगर दुकानदारों को UPI पर पैसा देना पड़ेगा तो वे इस पैसे को ग्राहकों से ही वसूलेंगे, जैसे क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से पेमेंट करने पर होता है.


कई यूजर्स को चिंता है कि यदि सरकार व्यापारियों को यूपीआई (UPI) लेनदेन के लिए व्यापारी डिस्काउंट दर (MDR) का भुगतान करने की अनुमति देती है. इससे अतिरिक्त लागत आख‍िर में यूजर्स पर ही पड़ेगी. पेमेंट पर फीस लगने से यूपीआई छोटे कारोबार‍ियों और ग्राहकों के ल‍िये पहले के मुकाबले कम आकर्षक रह जाएगा. इस सर्वे को जुलाई के म‍िड से सितंबर म‍िड 2024 तक किया गया था. इसमें देश के 325 जिलों में 44,000 से ज्‍यादा लोगों को शाम‍िल क‍िया गया. इसमें 65 प्रतिशत पुरुष और 35 प्रतिशत महिलाओं को शाम‍िल क‍िया गया.