कैबिनेट फैसलाः सरकार ने लिए ये तीन बड़े फैसले, एक से गन्ना किसानों को होगा बड़ा फायदा
कृषि कानून के मसले पर जारी आंदोलन के बीच बुधवार को मोदी कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार 60 लाख टन चीनी निर्यात करेगी, इसकी सब्सिडी और आय को 5 करोड़ किसानों को सीधे खाते में दिया जाएगा.
नई दिल्लीः केंद्रीय कैबिनेट की बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई. किसान आंदोलन के बीच बुधवार को हुई इस बैठक में तीन बड़े फैसले लिए गए हैं, जिसमें एक गन्ना किसानों से जुड़ा हुआ है. इन फैसलों की जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और रवि शंकर प्रसाद ने देते हुए कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में बिजली व्यवस्था को सुधारने और स्पेक्ट्रम को लेकर भी फैसला लिया गया है.
गन्ना किसानों को मिलेंगे 18 हजार करोड़ रुपये
गन्ना किसानों के लाभ के लिए उनको 18 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे. इससे पांच करोड़ किसानों और 5 लाख मजदूरों को फायदा होगा. एक हफ्ते के भीतर ही 5000 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी किसानों को मिलेगी. 60 लाख टन चीनी को 6 हजार रुपये प्रति टन के हिसाब से निर्यात किया जाएगा.
यह भी पढ़ेंः कोहरे ने बिगाड़ी ट्रेनों की चाल, Cancel हुईं 34 गाड़ियां, 26 की घटा दी रेलवे ने Frequency
बढ़ाया जाएगा चीनी का उत्पादन
इसके अलावा शक्कर के उत्पादन में बढ़ोतरी की जाएगी. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 310 लाख टन चीनी के उत्पादन का लक्ष्य रखा है. इस वक्त देश में करीब 260 लाख टन चीनी की खपत है. गन्ना किसानों को राहत देने का सरकार का यह कदम ऐसे समय आ रहा है, जब पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस लेने की मांग पर आंदोलन (Farmers Protest) कर रहे हैं.
इससे पिछले वर्ष 2019-20 में सरकार ने 10,448 रुपये प्रति टन की एकमुश्त निर्यात सब्सिडी दी थी. इससे सरकारी खजाने पर 6,268 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा था. चालू वर्ष के दौरान सरकार ने पिछले साल के मुकाबले कम निर्यात सब्सिडी का प्रस्ताव किया है.
पूर्वोत्तर में सुधरेगी बिजली
प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि पूर्वोत्तर में बिजली व्यवस्था को सुधारने के लिए नए बजट को मंजूरी दी गई है. पहले इसपर 5 हजार करोड़ रुपये खर्च होना था, लेकिन अब 6700 करोड़ का खर्च होगा. प्रकाश जावड़ेकर के मुताबिक, इसके जरिए ट्रांसमिशन लाइन को बढ़ाया जाएगा, 24 घंटे बिजली के लक्ष्य को पूरा किया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि सरकार की ओर से स्पेक्ट्रम की नीलामी करने का फैसला किया गया है, इससे पहले 2016 में ऐसी नीलामी हुई थी. इसके अलावा सरकार ने टेलीकॉम क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय समिति बनाने का निर्णय लिया है.
ये भी देखें-