UP Real Estate Authority: दिल्ली-एनसीआर के घर खरीदार सबसे ज्यादा परेशान, UP-RERA के इस आंकड़े से हुआ खुलासा
Delhi-NCR: रियल एस्टेट (नियमन और विकास) अधिनियम (RERA) संसद में मार्च, 2016 में पारित किया गया था. और एक मई, 2016 को प्रभावी हो गया था. मई, 2017 में यह पूरी तरह अमल में आ गया.
UP-RERA: उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट नियामकीय प्राधिकरण (UP-RERA) के चेयरमैन राजीव कुमार ने बताया कि यूपी में प्राधिकरण काफी बहुत प्रभावी है. उन्होंने कहा कि रेरा में दर्ज हुई करीब 90 प्रतिशत शिकायतों का निपटारा कर दिया गया है. रियल एस्टेट (नियमन और विकास) अधिनियम (RERA) संसद में मार्च, 2016 में पारित किया गया था और एक मई, 2016 को प्रभावी हो गया था. मई, 2017 में पूरी तरह अमल में आए इस कानून के अंतर्गत लगभग सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रियल एस्टेट प्राधिकरण स्थापित किया गया है.
उद्योग मंडल एसोचैम की तरफ से आयोजित सम्मेलन में कुमार ने कहा कि यूपी-रेरा (UP-RERA) ने अलग-अलग राज्यों के नियामकों द्वारा हल की गई कुल उपभोक्ता शिकायतों में से 41 प्रतिशत का निस्तारण किया है. उन्होंने कहा कि यदि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र-दिल्ली (NCR) के रियल एस्टेट कारोबार में इतनी समस्या नहीं होती तो रेरा अधिनियम अस्तित्व में ही नहीं आया होता.
यूपी रेरा के लागू होने का श्रेय दिल्ली-एनसीआर को ही जाता है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, यूपी रेरा के पास 47,671 शिकायतें आ चुकी हैं. ये सभी देशभर में आईं शिकायतों का करीब 38 प्रतिशत हैं. इनमें से लगभग 42,600 शिकायतों का निपटान हो चुका है, जो देश में निपटान वाली कुछ शिकायतों का लगभग 41 प्रतिशत हैं. (Input: PTI)
भारत की पहली पसंद ZeeHindi.com - अब किसी और की ज़रूरत नहीं