ट्रंप या हैरिस? एक्सपर्ट से जानिए किसकी जीत से भारतीय अर्थव्यस्था को होगा फायदा
US Election 2024: एक्सपर्ट का मानना है कि हमारे रिश्ते रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों पार्टियों के साथ अच्छे हैं. भारत और यूएस के रिश्ते काफी बेहतर हुए हैं. लेकिन रिपब्लकन थोड़ा ज्यादा बिजनेस समर्थक होते हैं. इसलिए ट्रंप का आना भारत के लिए अधिक बेहतर है.
US Election Results 2024: दुनिया का सबसे शक्तिशाली और सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश अमेरिका आज अपना नया राष्ट्रपति चुनने के लिए मतदान कर रहा है. मुकाबला डेमोक्रेट कमला हैरिस और रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप के बीच है.
अमेरिका दुनिया की आर्थिक महाशक्ति है उसके राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे से हर देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है. इसलिए बड़ा सवाल यह है कि ट्रंप या हैरिस में कौन इंडियन इकॉनोमी के लिए बेहतर साबित होगा.
एसकेआई कैपिटल के प्रबंध निदेशक नरिंदर वाधवा इस पर कहते हैं, "पूरे विश्व के अंदर अमेरिका सबसे बड़ी इकॉनमी है. वहां की राजनीति और अर्थव्यवस्था का असर हर देश पर पड़ता है. पिछले कुछ दिनों में हमारी मार्केट के अंदर भी जो दबाव देखा गया उसकी एक बड़ी वजह यह थी कि अमेरिका के अंदर चुनाव थे. इस बात को लेकर अनिश्चितता थी कि वहां पर कौन आएगा.
अमेरिका में जब भी चुनाव होते हैं तो उसका दबाव मार्केट पर पड़ता है, पूरे विश्व की मार्केट डाउन रहती है जब क्लेरिटी आती है तब मार्केट ठीक होनी शुरू हो जाती है. आज भी हमने यही देखा मार्केट ने अच्छी रिकवरी की है. आज वहां पर इलेक्शन हो जाएंगे और कल से रुझान आने शुरू हो जाएंगे. जो रुझान और ओपिनियन पोल हैं उसमें डोनाल्ड ट्रंप को थोड़ी बढ़त दिख रही है, अगर वो आते हैं तो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी अच्छा रहेगा."
ट्रंप का आना इकॉनोमी के लिए बूस्टरः बाधवा
वाधवा के मुताबिक, 'हालांकि हमारे रिश्ते रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों पार्टियों के साथ अच्छे हैं. भारत और यूएस के रिश्ते काफी बेहतर हुए हैं. लेकिन रिपब्लकन थोड़ा ज्यादा बिजनेस समर्थक होते हैं. इसलिए ट्रंप का आना भारत के लिए अधिक बेहतर है. कमला हैरिस डेमोक्रेट्स हैं. उनका नजरिया यह है कि टैक्स दरों को काफी ठीक करने की जरुरत है, कैपिटल गेन टैक्स लगाने की बातें कर रही हैं जो कि कैपिटल इकॉनोमी के खिलाफ जाते हैं. उनके आने से कुछ फर्क पड़ेगा लेकिन बड़ा चेंज नहीं आएगा. वहीं ट्रंप के आने से बहुत बड़ा अंतर आएगा, उनका आना इकॉनोमी के लिए बूस्टर साबित होगा.'
वाधवा ने उम्मीद जताई कि ट्रंप के राष्ट्रपित बनने से दुनिया में सशस्त्र संघर्षों पर लगाम लगेगी. उन्होंने कहा कि ट्रंप की पिछली कार्यकाल में उन्होंने निरस्त्रीकरण की नीति अपनाई थी, उनके आने से दुनिया में जारी संघर्ष रुक सकते हैं.