वॉरंट जारी होने के बाद गौतम अडानी पर लटक रही प्रत्यर्पण की तलवार? अमेरिकी अटॉर्नी के बयान ने चौंकाया
Gautam Adani US Indictment: अमेरिकी अटॉर्नी बत्रा का कहना है कि भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि भी है जिसके आधार पर अगर अमेरिका प्रत्यर्पण की मांग करता है तो अडानी और अन्य सात आरोपियों को सौंपा जाना चाहिए.
Gautam Adani Bribery Case: अमेरिकी प्रोसिक्यूटर्स द्वारा अडानी ग्रुप पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों के बाद गौतम अडानी की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. अमेरिका में अटॉर्नी रवि बत्रा ने दावा किया है कि अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को भले ही सिरे से नकार दिया हो लेकिन गौतम अडानी के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी होने के साथ अब उनके प्रत्यर्पण के प्रयास भी हो सकते हैं.
भारतीय-अमेरिकी अटॉर्नी रवि बत्रा के मुताबिक, अमेरिकी अटॉर्नी के पास अडानी और सात अन्य आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी करने और उस देश में भेजे जाने का अधिकार है, जहां वो रहते हैं. बत्रा का कहना है कि भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि भी है जिसके आधार पर अगर अमेरिका प्रत्यर्पण की मांग करता है तो अडानी और अन्य सात आरोपियों को सौंपा जाना चाहिए.
गिरफ्तारी वॉरंट जारी कर सकता है अमेरिका
आसान भाषा में कहें तो अमेरिका गौतम अडानी और अन्य आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी कर सकता है. और भारत से अडानी और अन्य आरोपियों के प्रत्यर्पण की मांग भी कर सकता है. हालांकि, अभी ऐसा हुआ नहीं है. लेकिन भारत में विपक्षी दल गौतम अडानी की गिरफ्तारी की मांग लगातार कर रहे हैं.
अमेरिकी कोर्ट में रिश्वतखोरी के आरोप तय होने के अब अडानी ग्रुप देश के अंदर भी घिर रहा है. ऐसे में अब सेबी भी अडानी ग्रुप की जांच कर सकती है. ये जांच अडानी ग्रुप द्वारा सेबी को गलत जानकारी देने और निवेशकों को गुमराह करने के आरोपों से जुड़ी होगी.
अडानी ग्रुप पर जानकारी छिपाना का आरोप
इस जांच का आधार एक न्यूज़ आर्टिकल है जिसमें 15 मार्च को अडानी ग्रुप ने कहा था कि अडानी ग्रुप के चेयरमैन के खिलाफ अमेरिका में रिश्वतखोरी की किसी भी जांच के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं है . लेकिन 19 मार्च को शेयर मार्केट में दाखिल एक फाइलिंग में अडानी ग्रीन ने कहा कि
उसे पता है कि किसी तीसरे पक्ष द्वारा अमेरिकी भ्रष्टाचार रोधी कानूनों के संभावित उल्लंघन की जांच कर रही है.
गौतम अडानी और अडानी ग्रुप पर रिश्वतखोरी की चार्जशीट में कहा गया है कि मार्च में न्यूज़ आर्टिकल में छपा कि अडानी ग्रुप का इनकार एक झूठा बयान था. झूठा बयान देने का मकसद कथित धोखाधड़ी योजना को आगे बढ़ाना था .
व्हाइट हाउस ने भी जारी किया बयान
चार्जशीट के मुताबिक गौतम अडानी के भतीजे सागर अडानी को एक साल पहले ही अमेरिकी कोर्ट से समन और तलाशी वॉरंट मिला था. अब सेबी गौतम अडानी और अडानी ग्रुप पर लगे इस आरोप की जांच कर सकती है. इस मामले से जुड़े फैक्ट को लेकर जांच अगले दो हफ्ते तक चल सकती है.
गौतम अडानी पर अमेरिका में रिश्वतखोरी का मामला दर्ज होने के बाद व्हाइट हाउस की तरफ से बयान जारी किया गया है. व्हाइट हाउस ने कहा कि
अमेरिकी प्रशासन को अडानी के खिलाफ लगे आरोपों के बारे में पूरी जानकारी है. व्हाइट हाउस ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच रिश्ता काफी मजबूत है. गौतम अडानी पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों से भारत-अमेरिका के संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा .