Income Tax से जुड़ा वित्त मंत्री का वो ऐलान, जिसे सुनकर खुशी से झूमने लगा था मिडिल क्लास
Income Tax Return: हर बजट में सरकार पर इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव करने का सबसे ज्यादा दबाव रहता है. वित्त मंत्री ने पिछले साल 1 फरवरी को पेश किये गए बजट में मिडिल क्लास के लिए सबसे बड़ी खुशखबरी का ऐलान किया था.
ITR Filing: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से इस बार फाइनेंशियल ईयर 2024 का बजट 23 जुलाई को पेश किया जाना है. हर बार की तरह इस बार भी सैलरीड क्लास इनकम टैक्स के दायरे को बढ़ाने की मांग कर रहा है. नौकरीपेशा की मांग है कि इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव करने से हाथ में खर्च करने के लिए ज्यादा पैसा बचेगा और सेविंग को भी बढ़ावा मिलेगा. इस सबके बीच आप अपना आईटीआर रिटर्न 31 जुलाई तक फाइल कर सकते हैं. इन दोनों हिसाब से जुलाई का आखिरी हफ्ता सैलरीड क्लास के लिए बहुत अहम है. पहले 23 तारीख को इनकम टैक्स से जुड़ा कोई बड़ा ऐलान किया जा सकता है. इसके बाद 31 जुलाई तक आपका आईटीआर फाइल करना जरूरी है.
इनकम टैक्स विभाग पेनाल्टी लगा सकता है
अगर आप समय से आईटीआर फाइल नहीं कर पाएं तो आपके ऊपर आयकर विभाग की तरफ से पेनाल्टी लगाई जा सकती है. सरकार कोई भी रहे मिडिल क्लास को राहत देने के लिए सभी की तरफ से समय-समय पर कदम उठाए जाते रहे हैं. भले ही सरकार के कदम से लोग पूरी तरह संतुष्ट नहीं हो पाते. 1 फरवरी 2024 को पेश बजट में आयकर को लेकर किसी तरह का ऐलान नहीं किया गया था. लेकिन इससे पहले 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से की गई घोषणा से सैलरीड क्लास और मिडिल क्लास को सबसे ज्यादा फायदा हुआ था.
7 लाख तक की आमदनी पर किसी तरह का टैक्स नहीं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से जब साल 2023 का बजट पेश किया जा रहा था तो सबका ध्यान आयकर को लेकर था. जब उन्होंने इस पर बात करनी शुरू की तो लोगों की सांसे कुछ देर के लिए थम गईं. 1 फरवरी 2023 को वित्त मंत्री ने न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) के तहत 7 लाख तक की आमदनी पर किसी तरह का टैक्स नहीं देने का ऐलान किया. सरकार की तरफ से दी गई आयकर छूट का सबसे ज्यादा फायदा सैलरीड क्लास और मिडिल क्लास को ही सबसे ज्यादा मिला. स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत मिलने वाली 50 हजार रुपये की छूट के साथ सैलरीड क्लास को 7.50 लाख रुपये तक की आमदनी पर किसी तरह का टैक्स नहीं देना होता. हालांकि न्यू टैक्स रिजीम में किसी तरह के निवेश पर टैक्स छूट नहीं मिलती.
50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी
वित्त मंत्री ने इस नियम को लागू करने के बाद कहा था कि लोगों में यह संदेह था कि 7 लाख से ज्यादा की आमदनी वालों का क्या होगा? उन्होंने बताया हम एक टीम के रूप में बैठे और इस पर विस्तार से चर्चा की. इसमें हमने यह निष्कर्ष निकाला कि कोई भी व्यक्ति हर अतिरिक्त 1 रुपये के लिए किस लेवल पर टैक्स भरता है. 7.27 लाख तक की आमदनी के लिए किसी प्रकार का टैक्स नहीं दिया जाता. केवल 27,000 रुपये पर ब्रेक ईवन आता है. इसके बाद आप टैक्स भरना शुरू करते हैं. वित्त मंत्री ने यह भी साफ किया था कि आपके पास 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन है.
क्या है न्यू टैक्स रिजीम?
नई कर व्यवस्था को कटौती रहित टैक्स सिस्टम भी कहा जाता है. भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में पेश किया था. यह विकल्प चुनने वाले व्यक्तियों को पुरानी कर व्यवस्था (ओल्ड टैक्स रिजिम) के मुकाबले कम टैक्स दर का लाभ मिलता है. इसमें 2023 से 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन शामिल किया गया है. अब इसमें 0-3 लाख तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं देना होता. 3 से 6 लाख पर 5 प्रतिशत, 6 से 9 लाख तक 10 प्रतिशत, 9 से 12 लाख पर 15 प्रतिशत, 12 से 15 लाख पर 20 प्रतिशत और 15 लाख से ज्यादा की इनकम पर 30 प्रतिशत टैक्स भरना है.
क्या है ओल्ड टैक्स रिजीम?
ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) को कटौती वाला टैक्स सिस्टम भी कहा जाता है. देश में यह लंबे समय से लागू है. इसमें कई तरह की टैक्स कटौतियों और छूट का फायदा मिलता है, जो आपकी टैक्स देनदारी कम करने में मदद करती है. इसमें ढाई लाख तक की आमदनी पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं देना होता. इसमें टैक्सपेयर को सालाना 2.5 से 5 लाख पर 5% के हिसाब से टैक्स देना होता है. अगर आपकी सालाना आमदनी 5 से 10 लाख रुपये है तो 20 प्रतिशत के हिसाब से टैक्स भरना होगा. लेकिन 10 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी पर टैक्स रेट बढ़कर 30 प्रतिशत हो जाता है. लेकिन इसमें आपको अलग-अलग तरह के टैक्स बेनिफिट मिलते हैं.