Ratan Tata Passed Away: टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) का 9 अक्टूबर को 86 साल की आयु में न‍िधन हो गया. टाटा ने दो दशक से लंबे समय तक ग्रुप का नेतृत्व किया. उनकी लीडरश‍िप में टाटा ग्रुप ने देश से लेकर दुन‍िया तक में कारोबार का व‍िस्‍तार क‍िया. रतन टाटा ने 1962 में न्यूयॉर्क के इथाका स्थित कॉर्नेल यून‍िवर्स‍िटी से आर्क‍िटेक्‍चर में B.S की ड‍िग्री पूरी की. इसके बाद वह फैम‍िली ब‍िजनेस से जुड़ गए. करीब एक दशक बाद उन्‍हें टाटा इंडस्ट्रीज के चेयरमैन पद की ज‍िम्‍मेदारी म‍िल गई. 1991 में चाचा जेआरडी टाटा के उत्तराधिकारी के रूप में रतन टाटा ने ग्रुप की ज‍िम्‍मेदारी संभाल दी.


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माता-प‍िता के तलाक का क‍िस्‍सा बताया


रतन टाटा ने एक बार इंटरव्‍यू के दौरान बताया क‍ि मेरा बचपन बहुत अच्छा था. लेकिन जैसे-जैसे मैं और मेरा भाई बड़े होते गए हमारे मां-पापा के तलाक के कारण हम दोनों भाइयों को काफी ताने सुनने पड़े. इतना ही नहीं हमें पर्सनली भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. उस समय का टाइम आज की तरह नॉर्मल नहीं था. उन्‍होंने बताया लेकिन मेरी दादी ने दोनों भाइयों को बहुत अच्‍छी तरह पाला-पोसा. कुछ समय बाद जब मेरी मां ने दूसरी शादी कर ली तो स्कूल के लड़के हमारे बारे में तरह-तरह की बातें करने लगे. लेक‍िन दादी की तरफ से स‍िखाए गई गर‍िमा में रहने की बात को मैं हर हाल में फॉलो करता हूं.


जब रतन टाटा को हुआ प्‍यार
Humans of Bombay के साथ एक इंटरव्‍यू में रतन टाटा ने बताया कि आर्क‍िटेक्‍चर की डिग्री लेने के बाद वह लॉस एंजिल्स में एक आर्क‍िटेक्‍चर फर्म में काम कर रहे थे. यहां उन्हें प्यार हो गया और शादी करने ही वाले थे. उन्‍होंने बताया था क‍ि कॉलेज के बाद मैंने लॉस एंजिल्स में एक आर्क‍िटेक्‍चर फर्म में नौकरी करना शुरू कर द‍िया. यहां मैंने दो साल तक काम किया. यह मेरे जीवन का शानदार पल था, मेरे पास अपनी कार थी और मुझे अपना काम काफी पसंद था. यह सब लॉस एंजिल्स में रहकर हुआ और यही मुझे प्‍यार हो गया, हम दोनों शादी करने ही वाले थे.


शादी करने से पहले मैंने कुछ समय के ल‍िए मैंने भारत वापस आने का फैसला क‍िया. मैं दादी से प‍िछले करीब सात साल से दूर था. उन्‍होंने बताया क‍ि उस समय मैंने यह सोचा क‍ि ज‍िस लड़की से मैं शादी करना चाहता था, वह मेरे साथ भारत आएगी. लेकिन 1962 के भारत-चीन युद्ध के कारण उसके माता-पिता ने उसे नहीं भेजा. वह अपनी बेटी को भारत भेजने के ल‍िए तैयार नहीं हुए और हमारा र‍िश्‍ता टूट गया.