Air India: एयर इंडिया फिर लेकर आई VRS स्कीम, कंपनी ढाई साल में तीसरी बार क्यों लाई यह योजना?
VRS scheme in Air India: टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया का जनवरी 2022 में अधिग्रहण किया था. उसके बाद एयरलाइन लगातार तीसरी बार वीआरएस स्कीम लेकर आई है. इस बार 500 से 600 कर्मचारियों के इस योजना में शामिल होने की उम्मीद की जा रही है.
Air India VRS: एयर इंडिया ने विस्तारा के साथ चल रहे मर्जर प्रोसेस के तहत अपने स्थायी जमीनी कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (VRS) की घोषणा की है. टाटा ग्रुप और सिंगापुर एयरलाइंस का 51:49 का ज्वाइंट वेंचर विस्तारा, इस साल के अंत तक एयर इंडिया में विलय होने वाला है. एयर इंडिया के एक अधिकारी ने बताया कि मर्जर प्रोसेस के बाद कंपनी को कम जमीनी कर्मचारियों की जरूरत होगी. यही कारण है कि 'ऑप्टिमाइजेशन' का प्रोसेस शुरू किया गया है. एयर इंडिया की तरफ से जमीनी कर्मचारियों को भेजे एक मैसेज में कहा गया 'हम एयर इंडिया में कम से कम पांच साल की लगातार सर्विस वाले कर्मचारियों के लिए वीआरएस (VRS) और पांच साल से कम की लगातार सेवा वाले कर्मचारियों के लिए वीएसएस (VSS) की घोषणा कर रहे हैं.'
आवेदन के लिए एक महीने का समय दिया गया
विस्तारा के साथ मर्जर से पहले कंपनी की तरफ से यह कदम उठाया गया है. सूत्रों ने कहा कि वीआरएस स्कीम उन कर्मचारियों के लिए है, जिन्होंने कंपनी में पांच साल की सर्विस पूरी कर ली है. वहीं वीएसएस (Voluntary Separation Scheme) की पेशकश एयरलाइन में पांच साल से कम सर्विस करने वाले कर्मचारियों के लिए की गई है. दोनों योजनाओं को एयरलाइन ने बुधवार से शुरू कर दिया है. संबंधित कर्मचारियों को वीआरएस/वीएसएस (VRS/VSS) के लिए आवेदन करने के लिए एक महीने का समय दिया गया है.
टाटा ग्रुप ने जनवरी 2022 में एयर इंडिया की कमान संभाली
ढाई साल पहले कंपनी के प्राइवेटाइजेशन के बाद यह तीसरा मौका है जब एयर इंडिया अपने स्थायी कर्मचारियों के लिए वीआरएस लेकर आई है. टाटा ग्रुप ने जनवरी, 2022 में एयर इंडिया की कमान संभाली थी. एयर इंडिया की तरफ से जमीनी कर्मचारियों को भेजे मैसेज में कहा, 'हम एयर इंडिया में कम से कम पांच साल की लगातार सर्विस करने वाले कर्मचारियों के लिए वीआरएस और पांच साल से कम की सर्विस करने वाले कर्मचारियों के लिए वीएसएस की घोषणा कर रहे हैं.
500 से 600 कर्मचारियों के रिटायर होने की उम्मीद
एयर इंडिया की तरफ से कहा गया कि पायलट, केबिन क्रू और किसी भी लाइसेंसधारी पद वाले को छोड़कर इन योजनाओं के लिए पात्र होंगे. इन दोनों योजनाओं में हिस्सा लेने की अवधि 16 अगस्त तक खुली रहेगी. एयरलाइन की तरफ से यह भी कहा गया कि आवेदन को 'स्वीकार' करने और 'रिलीज की तारीख' का फैसला मैनेजमेंट की तरफ से किया जाएगा. सूत्रों का दावा है कि दोनों एयरलाइन के 18,000 कर्मचारियों में से करीब 500 से 600 कर्मचारियों के रिटायर होने या अलग होने की उम्मीद है. एयरलाइन जितना हो सके उतने कर्मचारियों को बनाए रखने का प्रयास कर रही है. इनमें से कुछ को टाटा ग्रुप की दूसरी कंपनियों में शामिल किया जा रहा है.
हालांकि, मर्जर के बीच कुछ पदों की जरूरत नहीं रह गई है. एक एयरलाइन में जमीनी कर्मचारियों का सामान्य तौर पर उन कर्मचारियों के रूप में उल्लेख किया जाता है जो जमीन पर काम करते हैं. लेकिन, एयर इंडिया के मैसेज में बताया गया है कि 'जमीनी कर्मचारियों' में कॉर्पोरेट ऑफिस में काम करने वाले लोग भी शामिल हैं. इनमें कस्टमर सर्विस, लगेज हैंडलिंग, कार्गो ऑपरेशन, सिक्योरिटी चेक और रैंप सर्विस शामिल हैं.