बैंक ऑफ बड़ौदा और Citibank पर क्यों लगी पेनाल्टी? ब्रांच जाने से पहले जान लें कस्टमर
Penalty on Banks: आरबीआई ने तीनों मामलों के बारे में कहा कि पेनाल्टी नियामक अनुपालन में हुई कमियों पर आधारित है. इसका मकसद बैंकों की तरफ से अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता को प्रभावित करना नहीं है.
RBI News: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने नियमों के उल्लंघन के मामले में इस बार तीन बड़े बैंकों पर भारी पेनाल्टी लगाई है. आरबीआई (RBI) की तरफ से सिटी बैंक (Citi Bank), बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) और इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas Bank) पर 10.34 करोड़ रुपये की पेनाल्टी लगाई है. रिजर्व बैंक की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता निधि योजना (Depositor Education and Awareness Fund Scheme) से जुड़े मानदंडों और फाइनेंशियल सर्विस की आउटसोर्सिंग पर कोड ऑफ कंडक्ट का पालन नहीं करने पर सिटीबैंक पर सबसे ज्यादा 5 करोड़ की पेनाल्टी लगाई गई.
क्यों लगाई गई पेनाल्टी?
प्रेस नोट में कहा गया कि लोन लेकर 'सेंट्रल रिपोजिटरी' के गठन और अन्य मामलों से जुड़े निर्देशों के उल्लंघन के लिए पब्लिक सेक्टर के बैंक ऑफ बड़ौदा पर 4.34 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया. इसके अलावा, इंडियन ओवरसीज बैंक पर लोन से जुड़े निर्देशों के उल्लंघन के लिए एक करोड़ का जुर्माना लगाया गया. आरबीआई ने तीनों मामलों के बारे में कहा कि पेनाल्टी नियामक अनुपालन में हुई कमियों पर आधारित है. इसका मकसद बैंकों की तरफ से अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता को प्रभावित करना नहीं है.
आरबीआई ने खराब संचालन मानकों के कारण अभ्युदय सहकारी बैंक के निदेशक मंडल को एक साल के लिए सस्पेंड कर दिया. केंद्रीय बैंक ने सहकारी बैंक के प्रबंधन के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया है. रिजर्व बैंक ने कहा कि एसबीआई के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक सत्य प्रकाश पाठक को एक साल के लिए मुंबई स्थित बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है. प्रशासक की सहायता के लिए सलाहकारों की एक समिति भी नियुक्त की गई है. आरबीआई ने अभ्युदय सहकारी बैंक पर कोई व्यावसायिक प्रतिबंध नहीं लगाया. बैंक प्रशासक के मार्गदर्शन में अपनी सामान्य बैंकिंग गतिविधियां जारी रखेगा. (इनपुट भाषा से भी)